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Monetisation: राकेश टिकैत ने मुद्रीकरण योजना पर रखी राय, तो लोगों ने इस तरह बजा दी बैंड

Rakesh Tikait

नई दिल्ली। किसान आंदोलन कर रहे राकेश टिकैत को मौका चाहिए होता है कि किस तरह वह मोदी सरकार पर निशाना साधें। इस बार टिकैत ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना पर अपनी राय ट्विटर के जरिए रखी। इस पर कई यूजर्स ने उनकी बैंड बजाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। राकेश टिकैत ने मंगलवार को ट्वीट किया और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि मिट्टी की सौगंध खाने वाले आज देश बेच रहे हैं। उन्होंने लिखा कि अगर बिजली और परिवहन निजी हाथों में चले जाएंगे, तो भविष्य कैसा होगा इसका अंदाज लगाया जा सकता है। टिकैत ने ये भी लिखा कि स्वदेशी के झंडाबरदार आज देश के नवरत्नों को निजी हाथों में सौंपने के लिए आतुर हैं। मिट्टी की सौगंध खाने वाले आज देश बेच रहे हैं।

टिकैत के इस ट्वीट पर निखिल नाम के यूजर ने लिखा कि तुम्हारे पास बहुत पैसे हैं, खरीद लो नहीं तो महंगा हो जाएगा। वहीं, पीसफुली पॉलिटिकल ने लिखा और इससे स्वदेशी को कैसे नुकसान होता है? न्यूज अच्छे से पढ़ी भी है या फिर कृषि कानून की तरह, यहां भी बिना पढ़े ही ज्ञान बांट रहे हो?

जबकि, खीमानंद तिवारी नाम के यूजर ने टिप्पणी की कि राकेश जी, आपकी और राहुल की भाषा एक जैसी लगती है। सरकार को देश चलाने के लिए जो सही हो करती है। मगर आप दलाली के चक्कर में सड़कों को बंधक बनाकर क्या संदेश देना चाहते हैं।

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही ये साफ कह चुकीं हैं कि राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए सरकार इस योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2022 से 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपए सरकार जुटाएगी। उनका कहना है कि जिन क्षेत्रों की संपत्तियों को 4 वर्ष के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर दिया जाएगा, उसका स्वामित्व सरकार के पास ही रहेगा। सीतारमण ने कहा था कि इस योजना से जो राशि मिलेगी, उसका इस्तेमाल इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण में किया जाएगा।

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