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Farmers Protest: कृषि क़ानूनों को लेकर UN जाने वाले बयान पर टिकैत ने मारी पलटी, तो लोगों ने कर दी फजीहत

rakesh tikait

नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को 7 महीने से अधिक समय हो चुका है। किसान लगातार कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए है। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। बता दें कि किसान आंदोलन लगातार विवादों में रहा है। एक तरफ जहां किसानों के प्रदर्शन के दौरान महिलाओं के साथ हुई रेप की वारदात को लेकर मुश्किलों में घिरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार किसान आंदोलन के जरिए के राजनीति करने में जुटे हुए है। वह कृषि कानूनों को लेकर लगातार सरकार पर हमला बोल रहे है, कुछ दिनों पहले टिकैत ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र जाने की बात कही थी। जिस पर अब टिकैत ने यूटर्न लिया और अब सफाई पेश की है।

राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर UN (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे। हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं? राकेश टिकैत ने कहा कि, भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे।

लोगों ने लगाई राकेश टिकैत की जमकर क्लास

उधर कृषि क़ानूनों को लेकर UN जाने वाले बयान पर टिकैत के यूटर्न मारने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर फजीहत कर डाली।

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