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Red Corner Notice Of Interpol: खालिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई तेज, बब्बर खालसा के करणवीर सिंह पर इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी

karanveer singh and interpol

नई दिल्ली। विदेश में बसे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई तेजी से जारी है। इसी तरह की ताजा कार्रवाई भारत ने इंटरपोल के जरिए बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य करणवीर सिंह के खिलाफ कराई है। भारत से मिली सूचना के मद्देनजर इंटरपोल ने बब्बर खालसा सदस्य करणवीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक करणवीर सिंह के पाकिस्तान में होने की संभावना है। वो पंजाब के कपूरथला का मूल निवासी है। उसे एक डेरा संत की हत्या के मामले में पकड़ा भी गया था। उससे आरडीएक्स और एके-47 रायफल मिली थी। वो थाने में बाथरूम की खिड़की से फरार हो गया था।

सूत्रों का कहना है कि करणवीर सिंह बब्बर खालसा के आतंकी वाधवा सिंह और हरविंदर सिंह संधू रिंदा का दायां हाथ है। ये दोनों भी पाकिस्तान में छिपे हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार हरविंदर, रिंदा और वाधवा लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में जुटे रहते हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का इन पर हाथ है। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने 20 सितंबर को बब्बर खालसा के 5 सदस्यों पर इनाम का एलान किया था। एनआईए ने रिंदा और लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के बारे में जानकारी देने पर 10 लाख और परमिंदर सिंह खैरा उर्फ पट्टू, यादविंदर सिंह और सतनाम सिंह उर्फ सतबीर सिंह पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। ये सभी बड़े खालिस्तानी आतंकी हैं और काफी समय से फरार हैं।

बताया जाता है कि रिंदा के साथ ही लांडा, पट्टू, यादविंदर और सतनाम को पाकिस्तान में पनाह मिली हुई है। एनआईए की तरफ से इनाम घोषित किए जाने के बाद इन सभी के बारे में जांच एजेंसी को पुख्ता जानकारी मिलने की उम्मीद है। हालांकि, पाकिस्तान लगातार कहता है कि उसके यहां भारत विरोधी कोई तत्व नहीं है। बब्बर खालसा की स्थापना सुखदेव सिंह बब्बर और तलविंदर सिंह ने की थी। दोनों बाद में कनाडा भाग गए। बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने भारत में तमाम आतंकी गतिविधियां की। बम धमाके और टारगेट किलिंग में बब्बर खालसा का नाम रहा है। इसका मुख्यालय पाकिस्तान के लाहौर में है। बब्बर खालसा को भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, यूरोपीय संगठन, मलेशिया और जापान में भी बैन किया गया है। बावजूद इसके बब्बर खालसा की गतिविधियों में कमी नहीं आई है। तमाम देशों में इसके सक्रिय सदस्य हैं।

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