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Rajasthan: राजस्थान के गालीबाज विधायक ने बनाया गाली देने का नया रिकॉर्ड, 37 मिनट में SHO को सुनाई 103 गालियां

RAJASTHAN

नई दिल्ली। सत्ता के खुमार में मदहोश कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी की बदजुबानी अभी राजस्थान की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस विधायक ने अपने तमाम निर्धारित हदों को पार करने से कोई गुरेज नहीं किया और इनकी भाषा तो ऐसी रही कि जनाब अच्छे- अच्छे भाषाविदों के भी होश फाख्ता हो जाएंगे। विधायिकी का नशा साहिब में ऐसा कि इन्होंने एसएचओ को महज 37 मिनट में 103 बार गालियां देने का रिकॉर्ड बनाया है। वो भी कैसी गालियां, तो वो अगर आप हमसे ना ही पूछे, तो बेहतर रहेगा, वो तो विधायिकी के सैलाब में सराबोर रहे विधायक साहब ही आपको बता पाएंगे, लेकिन यहां तो कमाल ही गया, जैसे ही उनसे इस पूरे प्रकरण के बारे में सवाल किया, तो वे कन्नी काट गए। कहने लगे कि भईया हमने तो कोई गाली दी ही नहीं है। किसी ने हमारे खिलाफ झूठ प्रचारित करने के लिए ऑडियो के साथ कथित तौर पर खिलवाड़ किया है। बता दें कि विधायक द्वारा एसएचओ को गाली देने का ऑडियो वायरल हुआ था।

वहीं, जिस एसएचओ ने विधायक साहब के मुख से अवतरित हो रही गलियों की धारा सुनी थी, उनसे पूछा गया तो उन्होंने बिल्कुल सधे हुए शब्दों में विधायक पर गाली देने आरोप लगाया, वो भी पूरे 37 मिनट में 103 बार। शायद विधायक जी किसी यूनिवर्सिटी में गालिया देने का विधिवत प्रशिक्षिण प्राप्त करके आए हुए हैं। अब ये तो फिलहाल विधायक साहिब ही बता पाएंगे। उधर, विधायक की गालियों से बिफरे एसएचओ साहब भी ज्यादा देर तक उनकी गर्मी बर्दाश्त नहीं पाए। एसएचओ साहब ने भी साफ कह दिया कि देखिए कि हम पुलिस में आपकी गलियां सुनने के लिए भर्ती नहीं हुए हैं। लिहाजा मुनासिब रहेगा कि आप भाषा की मर्यादा बनाए रखें। मान लिया कि आप विधायक हैं या सांसद हैं, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि आपको किसी प्रशासनिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को गाली देने संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया है। उधर, एसएचओ ने थोड़े तल्ख रवैये में क्या बात किया कि विधायक साहब का पारा ही गरमा गया।कहने लगे कि देख लो, हम तुम्हारा ट्रांसफर करवा देंगे। ये करवा देंगे तो तो वो करवा देंगे। मतलब अपनी विधायिकी की गर्मी झाड़ने लगे। अब चलिए अब हम आपको पूरा माजरे बताए चलते हैं कि आखिर दोनों के बीच ये गर्मागर्मी कैसे शुरू हुई।

तो ये है पूरा माजरा

एसएचओ का कहना है कि विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी उन्हें अतिक्रमण के प्रकरण में अतरिक्त धाराओं को जोड़ने के लिए बाध्य कर रहे थे, जिस पर वे असहमत नहीं हो रहे थे। एसएचओ ने विधायक को कहा था कि मैं आपके कहने पर कोई गलत काम नहीं करूंगा। कथित तौर पर जब एसएचओ की बातों से विधायक साहब खफा हो गए, तो वे गाली देने पर उतारू हो गए। वहीं, जब पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद विधायक ने एसएचओ को गाली देने की बातों से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि उन्होंने गाली नहीं दी है, बल्कि किसी ने उनकी छवि को धूमिल करने के लिए ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की है। बहरहाल, यह पूरा मामला अभी राजस्थान के सियासी गलियारों में काफी चर्चा में बना हुआ है। अब ऐसे में देखना होगा कि यह पूरा मामला आगे चलकर क्या रूख अख्तियार करता है।

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