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Amarnath Yatra: कोरोना से बिगड़े हालात के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण स्थगित

जम्मू। देश में तेजी से फैल रहे कोविड -19 संक्रमण को देखते हुए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने गुरुवार को अमरनाथ गुफा मंदिर में इस साल की यात्रा के लिए पंजीकरण को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है। एसएएसबी ने कहा, “देश में कोविड की स्थिति को देखते हुए और सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता के मद्देनजर, श्री अमरनाथजी यात्रा के लिए पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित किया जा रहा है। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और स्थिति में सुधार होते ही इसे फिर से खोल दिया जाएगा।”

कश्मीर में इसबार यह वार्षिक तीर्थयात्रा 28 जून को शुरू होने वाली थी।

Union Territory बनने के बाद पहली होनी थी बाबा अमरनाथ बर्फानी की यात्रा
जम्मू-कश्मीर में होनेवाली बाबा अमरनाथ बर्फानी की यात्रा की शुरुआत के लिए तारीख का ऐलान कर दिया गया है। दो साल से इस यात्रा में अवरोध बना रहा। दर्शनार्थी साल 2019 में धारा 370 और 35 A के हटाने के फैसले की वजह से आधी यात्रा के बाद से ही बाबा अमरनाथ के दर्शन का सौभाग्य नहीं प्राप्त कर सके हैं। 2020 में अमरनाथ बर्फानी की यात्रा कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार की वजह से रद्द कर दी गई। लेकिन इस बार यात्रा होने की उम्मीद जगी है। भक्तों को इस बात की उम्मीद थी कि यात्रा के लिए इस बार सरकार की तरफ से निर्देश जारी किए जाएंगे।

ऐसे में सरकार की तरफ से बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए सुखद संदेश दिया गया है। इस बार यह यात्रा 28 जून से प्रारंभ होगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने की तारीख 14 अप्रैल रखी गई है। इस दिन से श्रद्धालु यात्रा से पहले होनेवाले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे। इस यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई है।


इससे पहले की और अब की यात्रा में बेहद अंतर नजर आएगा। अब जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इसके पहले घाटी को राज्य का दर्जा प्राप्त था। ऐसे में पहली बार केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद बाबा अमरनाथ बर्फानी की यात्रा होनेवाली है। अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की बैठक में इस बात का फैसला लिया गया है कि यह यात्रा 28 जून से 22 अगस्त तक चलेगी। इस बीच 22 अगस्त को रक्षाबंधन भी पड़ रहा है। ऐसे में इस बार अमरनाथ यात्रा 56 दिन तक चलनेवाली है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की यह बैठक हुई जिसमें इस बात का फैसला लिया गया।

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