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Uttar Pradesh: योगी सरकार के प्रयासों का नतीजा, कोरोना से जंग लड़ने में यूपी हुआ आत्मनिर्भर

Yogi Adityanath Corona Vaccination Dry Run

लखनऊ। कोरोना के बढ़ रहे प्रसार को देखते हुए उत्तर प्रदेश एक बार फिर मुस्तैदी से जंग लड़ने की तैयारी कर रहा है। इस बार इससे निपटने में किसी प्रकार के संसाधानों की कमी न हो इसके लिए योगी सरकार ने बड़ी तैयारी पहले से ही कर ली है। अब यूपी में दवाएं और उपकरण तैयार हो रहे है। इन्हें दूसरे राज्यों में भी भेजा जा रहा है। कोरोना काल में कई देशों में कोविड-19 वायरस पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सकारात्मक असर देखने को मिला। इस दवा की मांग में तेजी से इजाफा हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने अमरोहा में स्थापित फार्मा कंपनी को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाने की अनुमति दी। जिससे जल्द ही प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध होने लगी। अब यूपी में तैयार दवा देश के दूसरे राज्यों के साथ ही विदेशों में भेजी जा रहीं हैं। इसके साथ ही रेमेडेसिविर व टॉसिलिजुम्ब इंजेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में मुहैया कराया गया।

दूसरे प्रदेशों में बढ़ते कोरोना के आंकड़ों के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ओर आला अधिकारियों को सर्तकता बरतने के आदेश दिए हैं तो वहीं प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखने के निर्देश भी दिए हैं। कोरोना से निपटने के लिए यूपी सरकार ने मजबूत रणनीति के तहत प्रदेश में काम किया। जिसके परिणामस्वरूप आज यहां पर्याप्त संसाधन मौजूद है। संसाधनों के मामले में अब उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर बन चुका है।

सरकार ने प्रदेश में जरूरत बढ़ने समय समय पर संसाधनों को जुटाने के संग उनको अपने प्रदेश में उत्पादित करने का फैसला लिया। प्रदेश में वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) ट्यूब निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया। कोरोना काल से पहले प्रदेश में वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) ट्यूब निर्माण की एक भी इकाई नहीं थी। जरूरत बढ़ने पर सरकार ने नोएडा, गाजियाबाद व लखनऊ में निर्माण इकाई को वीटीएम ट्यूब बनाने के लिए लाइसेंस दिया। वीटीएम ट्यूब का प्रयोग कोविड की जांच के लिए किया जाता है। प्रदेश में अब चार इकाइयों को अनुमति दी गई है।

सरकार से मिली जानकारी के अनुसार. साल 2020 फरवरी तक प्रदेश में हैंड सैनिटाइजर बनाने की सिर्फ 86 इकाइयां थी, जो बढ़कर अब 151 हो गई हैं। फरवरी से अब तक सैनिटाइजर की 65 नई इकाइयों को स्थापित किया जा चुका है। दवा की बिक्री करने वालों पर कसा शिकंजा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कोरोना काल के दौरान मनमानी करने वालों पर शिकंजा कसा। ड्रग्स एक्ट के तहत दवाओं की बिक्री में मनमानी पर नौ मुकदमे दर्ज कर 23 लोगों को गिफ्तार कर 85 लाख 18 हजार 855 रुपए की सामग्री को सीज की गई। इसके अलावा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रदेश में मास्क हैंड सैनिटाइजर और ऑक्सीजन से संबधित अवैध कारोबार पर 15 मुकदमें दर्ज किए गए।

ड्रग कंट्रोलर एके जैन कहते हैं कि प्रदेश में वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए व्यवस्था को सुदृढ़ बनाते हुए दवा से लकर ऑक्सीजन की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया। निर्माण इकाइयों के शुरू होने से प्रदेश में अब संसाधनों की कमी नहीं पड़ेगी।

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