नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को आज स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी। टाला थाना के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी कोर्ट से बेल मिल गई है। इन दोनों पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले के सबूत मिटाने का आरोप था। सीबीआई द्वारा 90 दिन बाद भी चार्जशीट दाखिल ना करने के चलते कोर्ट ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत दे दी। दूसरी ओर, मृत डॉक्टर के पिता ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिलने पर निराशा जताई।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Kolkata: Tala police station's former officer incharge Abhijit Mondal leaves from Sealdah Court after being granted bail in the RG Kar Medical College and Hospital rape and murder case, as CBI couldn't file the chargesheet within 90 days period. <a href=”https://t.co/e9u2VdvAoR”>pic.twitter.com/e9u2VdvAoR</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1867565614086394011?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 13, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
जमानत मिलने के बाद पूर्व पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल की जेल से रिहाई हो जाएगी मगर पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को अभी जेल में ही रहना होगा। दरअसल संदीप घोष पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के भी आरोप हैं। संदीप घोष को पहले इन्हीं आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन पर दुष्कर्म और हत्या मामले को दबाने तथा सबूतों से छेड़छाड़ की धारा भी जोड़ी गई थी। अब चूंकि अभी वित्तीय अनियमितता का मामला अभी लंबित है ऐसे में संदीप घोष जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नाइट शिफ्ट के दौरान एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में डा. संदीप घोष ने लापरवाही बरतते हुए सबूतों को छुपाने का प्रयास किया। मामले के तूल पकड़ने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदीप घोष पर कार्रवाई की बजाए उनका ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद मामला की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संदीप घोष और पश्चिम बंगाल को कड़ी फटकार लगाते हुए सवाल उठाया था कि आखिर सरकार क्यों इतनी मेहरबान है। इसी के साथ कोर्ट ने पहले तो संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर भेजने का आदेश दिया बाद में उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया। आईएमए ने भी संदीप घोष पर कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी।