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Rift In Maha Gathbandhan: बिहार में सरकार बनते ही CBI के मुद्दे पर महागठबंधन में मची तकरार, क्या नीतीश और तेजस्वी में होगा आर-पार?

nitish tejashwi

पटना। बिहार में बीजेपी से नाता तोड़कर नीतीश कुमार ने लालू और तेजस्वी यादव की आरजेडी से हाथ मिला सरकार तो बना ली, लेकिन इस महागठबंधन में अब जांच एजेंसी सीबीआई के मसले पर घमासान मच गया है। आरजेडी की मांग है कि अन्य विपक्ष शासित राज्यों की तरह बिहार में भी सीबीआई पर बिना राज्य सरकार की मंजूरी के कार्रवाई करने पर रोक लगाई जाए। वहीं, गठबंधन के घटक जेडीयू ने इस मांग को गलत बताया है। इस मामले में अभी सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की राय सामने नहीं आई है, लेकिन जिन दो नेताओं के बीच सीबीआई की एंट्री बैन करने को लेकर जुबानी जंग हुई, उनमें से एक नीतीश तो दूसरे लालू और तेजस्वी के करीबी जरूर हैं।

नीतीश और तेजस्वी के किन करीबी नेताओं के बीच सीबीआई के मसले पर जुबानी जंग हुई, ये बताने से पहले ये जानकारी आपको दें कि बिहार में गृह विभाग सीएम नीतीश कुमार के ही पास है। सीबीआई पर खुद केस दर्ज कर कार्रवाई करने पर पश्चिम बंगाल समेत कई विपक्ष शासित राज्यों ने बैन लगा रखा है। अब बिहार में आरजेडी के नेता और लालू-तेजस्वी के खास शिवानंद तिवारी ने मांग कर दी है कि ऐसा फैसला किया जाए कि बिना राज्य सरकार की मंजूरी के सीबीआई कोई जांच न कर सके। खबर ये भी आई कि इस मामले में सीएम नीतीश ने महागठबंधन की बैठक भी की। अब जेडीयू ने शिवानंद की इस मांग को खारिज कर दिया है। साथ ही नीतीश के करीबी उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कह दिया है कि सीबीआई की एंट्री बैन करने के मसले पर तो कोई बैठक हुई ही नहीं।

शिवानंद तिवारी ने कहा था कि केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ कर रही है। ऐसे में उसे राज्य सरकार की तरफ से मिली जांच की मंजूरी वापस ली जाए। शिवानंद ने ये भी कहा था कि नीतीश सरकार को इस मामले में कोर्ट का रुख भी करना चाहिए। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शिवानंद तिवारी महागठबंधन के बड़े नेता हैं, लेकिन लगता है उन्हें गलत जानकारी मिली है। सीबीआई पर रोक लगाने के बारे में कोई बैठक हुई ही नहीं। कुशवाहा ने ये भी कहा कि इस तरह का फैसला किसी भी राज्य में नहीं होना चाहिए। सीबीआई जैसी संस्थाओं की गलती नहीं है। अब शिवानंद और उपेंद्र के बीच हुई इस जुबानी जंग पर नीतीश और तेजस्वी का रुख क्या रहता है और क्या दोनों इस मामले में आर-पार की मुद्रा में आते हैं, इस सवाल की चर्चा पटना के राजनीतिक गलियारों में तेज हो गई है। बता दें कि नीतीश ने पिछली बार जब आरजेडी से पल्ला झटककर बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी, तो उन्होंने तेजस्वी और लालू खानदान को भ्रष्ट कह दिया था। बता दें कि लालू परिवार के तेजस्वी समेत कई सदस्यों के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है।

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