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Crisis in Congress: छत्तीसगढ़ और पंजाब कांग्रेस में बढ़ा बवाल, भूपेश बघेल और अमरिंदर ने ठोकी ताल

rahul-sonia

नई दिल्ली। पंजाब और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बहुमत जुटाकर सरकार बनाई थी। पार्टी आलाकमान इससे खुश था, लेकिन अब इन्हीं दो राज्यों में सत्ता को लेकर हो रहे संघर्ष ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी की चिंता बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के साथ सत्ता के संघर्ष में ताकत दिखाने सीएम भूपेश बघेल आज 35 समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। वह कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलेंगे। वहीं, चंडीगढ़ में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी ताकत दिखाई। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से चल रहे टकराव के बीच कैप्टन ने गुरुवार रात अपने करीबी मंत्री गुरमीत सिंह सोढ़ी के घर डिनर किया। उनके साथ 59 विधायक और 8 सांसद भी थे। उधर, पंजाब के जो 4 मंत्री सीएम को बदलने की मांग कर रहे हैं, उनमें से 3 ने कैबिनेट की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।

पहले बात करते हैं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की। बघेल और उनके विरोधी टीएस सिंहदेव को बीते दिनों राहुल गांधी ने दिल्ली बुलाकर बात की थी। गुरुवार को खबर आई कि राहुल गांधी ने बघेल को खुद पद छोड़ने को कहा है। इसके बाद ही बघेल ने दिल्ली आकर ताकत का प्रदर्शन करने का फैसला किया। बघेल समर्थक विधायक देवेंद्र यादव के मुताबिक हम छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर रहे हैं और आलाकमान से बात करेंगे। उधर, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आलाकमान ने किसी कांग्रेस विधायक को दिल्ली नही बुलाया है।

उधर, पंजाब में सीएम अमरिंदर और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के धड़ों में टकराव के बीच अब कैप्टन ने ताल ठोकी है। वहीं, सिद्धू ने एक बार फिर अमरिंदर सिंह को बिजली दरों में कमी का वादा याद दिलाया है। सिद्धू ने अमरिंदर सिंह का एक वीडियो टैग करते हुए एक ट्वीट में लिखा, ‘‘कांग्रेस पार्टी घरेलू बिजली तीन रुपए प्रति यूनिट और औद्योगिक बिजली पांच रुपए प्रति यूनिट देने के अपने संकल्प के साथ-साथ सब्सिडी देने के संकल्प पर कायम है। इस वादे को पूरा किया जाना चाहिए।’’ इससे साफ है कि पंजाब कांग्रेस का मसला भी जल्दी नहीं सुलटने वाला है। इसमें भी राहुल गांधी और सोनिया को पसीने छूटने तय हैं।

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