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Chittorgarh: राजस्थान में बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाएं, अब जूता व्यापारी पर विशेष समुदाय के युवकों ने किया हमला, इलाके में तनाव

नई दिल्ली। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में एक के बाद एक सांप्रदायिक हिंसा और हमलों की घटनाएं हो रही हैं। बीते महीनों से लगातार सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं ज्यादा सामने आ रही हैं जो सीधा राजस्थान सरकार पर सवालिया-निशान है। ताजा मामला चित्तौड़गढ़ का है जहां सदर थाना अंतर्गत रेलवे स्टेशन पर बीती रात समुदाय विशेष के कुछ युवकों द्वारा जूता व्यवसायी के साथ मारपीट करने की घटना सामने आई। घटना सामने आने के बाद तनाव बढ़ गया है। पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही जांच शुरू कर दी हैं। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन लोगों को डीटेन कर लिया है। बता दें कि जूता व्यवसायी के साथ मारपीट के विरोध  में रेलवे स्टेशन क्षेत्र के बाजार बंद किए गए हैं।

चप्पल बदलने को लेकर हुआ विवाद

दरअसल विवाद चप्पल बदलने की बात को लेकर हुआ था। चप्पल बदलने के विवाद को लेकर जूता व्यवसायी आरके फुटवियर के संचालक मनोज लालवानी पर समुदाय विशेष के कुछ युवकों ने हमला कर दिया, जिनको बचाने के लिए पास का दुकानदार जय किशन भी बचाव में उतर आया। युवकों ने मनोज और जयकिशन दोनों के साथ मारपीट की और मौके से फरार हो गए। इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक बुधराज टॉक और सदर थाना अधिकारी विक्रम सिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। अब पुलिस सीसीटीवी की मदद से युवकों की तलाश कर रही हैं। पीड़ित दुकानदार ने बताया कि गुरुवार को कुछ युवक दुकान पर चप्पल की खरीददारी करने आए थे और फिर अगले दिन चप्पल वापस करने आए। उन्होंने चप्पल को यूज कर लिया था और ऐसे में बदलना संभव नहीं था और उसी बात पर बहस हो गई। बाद में युवकों ने हमला कर दिया।

राजस्थान में बढ़ रहीं सांप्रदायिक हिंसा

बता दें कि ये पहली घटना नहीं हैं जिसमें विशेष समुदाय के लोगों ने किसी को निशाना बनाकर हमला किया हो। इससे पहले करौली में भी ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। करौली में नव संवत्सर के मौके पर  मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजर रही बाइक रैली पर जमकर पथराव किया गया। जिसमें 35 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान मकानों- दुकान और वाहनों तक को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके अलावा अलवर में बुलडोजर से मंदिर तोड़ने के वीडियो को भी सोशल मीडिया पर वायरल किया था जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा का माहौल बन गया था। वहीं ईद और परशुराम जयंती को एक ही दिन मनाने को लेकर भी जोधपुर में बवाल हुआ था।

 

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