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Kerala: केरल सीएम की बेटी के खिलाफ याचिका डालने वाले RTI एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की मौत, घर में पाए गए मृत

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नई दिल्ली। आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की मौत हो गई है। उन्हें सोमवार सुबह कलामस्सेरी स्थित अपने घर में मृत पाया गया था। अब उनकी मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल इसलिए क्योंकि आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू वहीं शख्स हैं जिन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की बेटी वीणा विजयन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को HC में सुनवाई भी होनी थी लेकिन सुनवाई से पहले ही वो अपने घर में मृत पाए गए। आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की मौत के पीछे की वजह दिल के दौरा मानी जा रही थी। फिलहाल इस मामले में पुलिस मृतक गिरीश बाबू के जांच कर रही है…

मिली जानकारी के मुताबिक, आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू 47 साल के थे। कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याोओं से वो गुजर रहे थे जिनका इलाज भी जारी था। बताया जा रहा है कि गिरीश बाबू अपने परिवार के साथ कालामस्सेरी में रह रहे थे लेकिन सोमवार सुबह वो बेडरूम में मृत पाए गए। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद बताया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि दिल पड़ने से उनकी मौत हुई है। अंतिम निष्कर्ष शव परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही होगा।

क्यों दायर की थी जनहित याचिका

आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की तरफ से जो जनहित याचिकाएं जारी की गई थी उसने केरल में सियासी बवाल खड़ा कर दिया था।पलारीवट्टोम फ्लाईओवर घोटाला और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन के खिलाफ मासिक भुगतान के आरोपों सहित कई मामलों में गिरीश की अहम भूमिका रही।

गिरीश बाबू का आरोप था कि बिना काम के ही मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की बेटी वीणा विजयन को प्राइवेट कंपनी की तरफ से तीन साल तक पैसे दिए गए। हर महीने कुल 8 लाख रुपए वीणा विजयन और उनकी कंपनी को दिए जाने की बात डांच में सामने आई थी। आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश बाबू की तरफ से डाली गई याचिकाओं पर उच्च न्यायालय विचार करने वाला था लेकिन इससे पहले अब उनकी मौत कई सवाल खड़े कर रही है।

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