नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पश्चिमी देशों को लेकर अपनी बेबाक राय के लिए दुनिया भर में मशहूर हो चुके हैं। वे ऐसी कूटनीति का इस्तेमाल करते हैं कि भारत पर किसी भी मुल्क का प्रभाव नहीं पड़ सकता। अब अमेरिका या फिर यूरोप की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं होता है। ऐसे ही एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रुख पर सवाल उठाने वालों को सीधा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम को भारत के इसी रवैये के साथ जीना होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद पश्चिम के साथ काम करता रहा है। उन्होंने पश्चिम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर भारत का ये रुख आपकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं है तो ये आपकी समस्या है. विदेश मंत्री ने कहा कि रूस यूक्रेन विवाद पर भारत ने काफी गंभीर रुख अपनाया है। भारत ने शुरुआत से अपने स्टैंड को न्यूट्रल रखा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत की विदेश नीति को एक ऊंचे स्तर पर लेकर गए हैं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की विदेश मंत्री की नीतियों की तारीफ करते नहीं थकता। विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान वित्तपोषित आतंक की चर्चा किए बगैर कहा कि भारत भी आए दिन पड़ोसी के साथ आतंक की समस्या झेलता है, इस मुद्दे पर वे सभी एक क्यों नहीं होते? विदेश मंत्री ने यह भी पूछा कि आतंकवाद पर क्वाड की एकताई कहां है, जो कि बहुत पुरानी समस्या है. क्वाड इंडो-पैसिफिक की समस्याओं से निपटने और सभी के एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के उद्देश्य से बनाया गया था। विदेश मंत्री ने पश्चिम को भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि “आपने यूक्रेन का साथ देना को चुना। हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान को चुन सकते थे और पूछ सकते थे कि वे भारत के रुख का समर्थन क्यों नहीं कर रहे।” लेकिन भारत फिर भी अपने न्यूट्रल स्टैंड पर बना हुआ है।