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वानखेड़े के इस कदम से बुरे फंस सकते हैं नवाब मलिक, हो सकती है कानूनी कार्रवाई भी, जानें पूरा माजरा

sameer wankhede

नई दिल्ली। आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने जिस तरह एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, उसे लेकर वे इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं। खासकर जिस तरह वे आए दिन ट्विटर पर समीर के खिलाफ नए-नए राजों का खुलासा करते हैं, उससे जहां एक तरफ पूरे मामले को हर दिन नया रूख मिलता है, तो वहीं दूसरी तरफ अब यह कहना गलत नहीं होगा कि  अगर उनके द्वारा लगाए गए ये आरोप गलत निकले, तो उनका मुश्किलों में फंसना तय है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि अनुसूचित जाति आयोग ने नवाब मलिक के आरोपों के संदर्भ में कहा है। उन्होंने अपने वक्तव्यों में स्पष्ट कर दिया है कि अगर नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर लगाए गए आरोप गलत साबित हुए, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि आयोग ने यह बयान वानखेड़े द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को संज्ञान में लेने के बाद दिया है। वानखेड़े ने नवाब मलिक के आरोपों के खिलाफ अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। इन आरोपों को मद्देनजर रखते हुए आयोग ने उचित कार्रवाई करने की बात कही है। अब ऐसे में जिस तरह नवाब पर बदले की भावना की वजह से वानखेड़े पर झूठे आरोप लगाने की बात कही जा रही है, अगर यह सच साबित हुए, तो ऐसे में उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, नवाब अपने हर आरोपों की तस्दीक के लिए सुबूतों का सहारा लेते हुए नजर आए हैं, लेकिन इसके बावजूद वानखेड़े का आत्मविश्वास कहीं न कहीं नवाब के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कथित तौर पर नवाब विगत 8 माह पूर्व अपने दामाद के खिलाफ हुई एनसीबी की कार्रवाई से खफा होने की वजह से इस तरह के आरोप वानखेड़े पर लगा रहे हैं। ऐसे में असल हकीकत क्या है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन उससे पहले आइए नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों पर एक नजर डालते हैं।

यूं तो आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद बेशुमार तोहमतें नवाव वानखेड़े पर लगा चुके हैं, लेकिन आरोपों की इस फेहरिस्त में सबसे अहम आरोप वानखेड़े पर मुस्लिम होने के बाद अनुसूचित जाति के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का लगाया है और नियमों के मुताबिक मुस्लिम या कोई अन्य धर्म अपनाने के बाद अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित कर दिया जाता है, लेकिन वानखेड़े पर मुस्लिम होने के बाद दलित प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का आरोप है। इससे पहले उन पर मस्लिम धर्म अपनाने का आरोप लगाया गया था। ऐसे में यह पूरा माजरा अनुसूचित जाति और मुस्लिम के बीच द्वंद करता हुआ दिख रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए नवाब मलिक ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वानखेड़े ने मुस्लिम धर्म नहीं अपनाया है, बल्कि उनके पिता हिंदू से मुस्लिम बनें थे। लेकिन वानखेड़े ने मुस्लिम होने के बावजूद भी दलित के आधार पर नौकरी हासिल की है। उन्होंने एक गरीब दलित का हक छीना है। उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई होनी चाहिए, जिसको ध्यान में रखते हुए अब वानखेड़े ने अनुसूचित जाति आयोग का रूख किया है, ताकि इस पूरे मसले की गहन जांच हो सकें।

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