चंडीगढ़। बीजेपी की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर चुन ली गई हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को 13 के मुकाबले 14 वोटों से शिकस्त दी है। वोटिंग काफी दिलचस्प रही। क्योंकि कांग्रेस और अकाली दल ने मेयर के चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। 23 सदस्यों के सदन में आप के 14 पार्षद थे। वहीं, अपने 13 पार्षद और एक सांसद का वोट मिलाकर बीजेपी के भी 14 वोट होते थे। मेयर के चुनाव के लिए 19 वोट चाहिए थे। ऐसे में न तो बीजेपी और न ही आप के पास ये संख्या थी। अब देखना ये है कि आम आदमी पार्टी के किस पार्षद ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया या वोट को बेकार कर दिया।
अपने पार्षदों को टूट से रोकने के लिए बीजेपी, आप और कांग्रेस ने उनकी परेड कराई। आप तो अपने पार्षदों को दिल्ली भी ले गई थी और वहां सीसीटीवी की निगरानी में रखा था। बीजेपी पहले अपने पार्षदों को कसौली और फिर शिमला लेकर गई थी। वहीं, कांग्रेस अपने चुने गए पार्षदों को लेकर राजस्थान गई थी। चंडीगढ़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में मेयर एक साल के लिए ही होता है। अगले साल फिर इस पद पर चुनाव कराया जाएगा।
कॉर्पोरेशन में 23 सीटों में से 14 पर आप, 13 पर बीजेपी, 8 पर कांग्रेस और 1 सीट पर अकालियों ने कब्जा किया था। कांग्रेस के पार्षद देवेंद्र सिंह बबला बीजेपी में आ गए थे। इससे कांग्रेस के महज 7 पार्षद रह गए। ऐसे में कांग्रेस और अकालियों ने मेयर चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला कर लिया। मेयर चुनाव के अलावा भी बीजेपी और आप को सदन में बहुमत का खेल खेलना होगा। क्योंकि प्रस्ताव पास कराने के लिए बहुमत की जरूरत होगी। अगर बीजेपी या आप एक-दूसरे के यहां से पार्षद तोड़ पाते हैं, तो वो बहुमत में हो जाएंगे। यानी चंडीगढ़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में आने वाले दिन भी काफी रोमांच भरे रहने की पूरी उम्मीद अभी से दिख रही है।