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Madhya Pradesh: खुद पर लगे धर्मांतरण के आरोपों पर स्कूल का आया रिएक्शन, हिंदुवादी संगठनों द्वारा लगाए गए आरोपों पर कही ये बात

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के विदिशा में हिंदू वादी संगठनों ने धर्मांतरण के आरोप में सेंट जोसेफ स्कूल पर पथराव किया। संगठनों का आरोप है कि स्कूल के 8 बच्चों का धर्मांतरण कराकर उनके परिजनों को प्रत्येक रविवार को चर्च में मौजूद रहने के लिए बाध्य किया जाता है और इसके अलावा चर्च की तमाम गतिविधियों में शामिल होने के लिए छात्रों के माता-पिता को बाध्य किया जाता है। हालांकि, स्कूल प्रशासन ने संगठनों के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बेबुनियादी बताया है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि किसी भी बच्चे का धर्मांतरण नहीं कराया गया है। यह खबर पूरी तरह से झूठी है। वहीं, कथित तौर पर संगठनों से धर्मांतरण के खबर के स्रोत के बारे में पूछा गया, तो बताया गया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्कूल के छात्रों के धर्मांतरण की बात कही गई। इसी वीडियो के वायरल होने के बाद हिंदुवादी संगठनों ने स्कूल पर पथराव किया है। अब मांग की जा रही है कि इस वीडियो की विश्वनीयता की जांच हो, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सकें। वहीं, स्कूल प्रशासन ने संगठनों द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा करार दिया है।

बता दें कि विभिन्न संगठनों द्वारा जिस वक्त यह पथराव किया गया था, उस वक्त स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षाएं चल रही थी। स्कूल में तमाम शिक्षक व अन्य कर्मचारी मौजूद थे। जैसे ही संगठनों की तरफ से पथराव किया गया, तो स्कूल में मौजूद छात्र व शिक्षक खौफजदा हो गए। स्कूलों की तरफ से लोगों को पथराव न करने की अपील की गई। उन्हें बताया गया कि स्कूल में बच्चों के एग्जाम चल रहे हैं। ऐसा न किया जाए, लेकिन पथराव करने पर अमादा हो चुके लोगों ने स्कूल को निशाना बनाने से कोई गुरेज नहीं किया। जिससे स्कूल को काफी क्षति पहुंची। खबरों की मानें तो किसी भी छात्र व शिक्षक को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा। सभी सलामत है। लेकिन संगठनों की तरफ से की गई इस हरकत से स्कूल के कर्मी खौफजदा हो चुके हैं।

पुलिस-प्रशासन का भी खटखटाया गया दरवाजा

वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि हिंदुवादी संगठनों की तरफ किए गए पथराव को लेकर स्कूल प्रशासन की शिकायत के बावजूद भी उचित समय पर उपयुक्त कदम पुलिस की तरफ से नहीं उठाए गए, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हिंदुवादी संगठनों के खिलाफ  विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के चार नामजद और 50 अज्ञात सदस्यों के खिलाफ धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा) और 427 (50 रुपये से अधिक की राशि का नुकसान) के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराया गया है।

चर्च और स्कूल की बढ़ाई गई सुरक्षा

वहीं, इस पूरे मामले के बाद स्कूल और चर्च की सुरक्षा बढ़ा दी गई। भारी संख्या में पुलिसबलों को तैनात किया गया है। हर आने जाने वाले शख्स की तलाशी ली जा रही है। हर गतिविधियों पर पैनी निगाहें रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियां दिखने पर पुलिस हरकत में आने पर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। वहीं, इस मामले के संदर्भ में एसपी मोनिका शुक्ला ने कहा कि इस पूरे माजरे की शिकायत दर्ज कर ली गई है। उच्च स्तरीय जांच चल रही है। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

 हिंदू संगठनों का क्या कहना है

इसके साथ ही इस पूरे मामले को लेकर हिंदुवादी नेता नीलेश अग्रवाल का कहना है कि स्कूल के 8 बच्चों का धर्मांतरण कराया गया है। अब इस संदर्भ में बाल आयोग ने कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। नीलेश का कहना है कि ये लोग शिक्षा व स्वास्थ्य के नाम पर लोगों का धर्मांतरण कराते हैं। बच्चों के माता-पिता को चर्च की गतिविधियों में शामिल होने के लिए बाध्य करते हैं। नीलेश अग्रवाल ने अपने बयान में कहा कि अगर धर्मांतरण का सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो फिर हमारी तरफ से की जाने वाली ये कोशिश भी जारी है। अब जैसा कि स्कूल प्रशासन साफ कर दिया है कि उसकी तरफ से किसी भी बच्चे का धर्मांतरण नहीं कराया गया है, तो ऐसी स्थिति में अब आगे चलकर इस पूरे मामले में पुलिस की जांच क्या रूख अख्तियार करती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

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