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वैज्ञानिकों का दावा, कोरोनावायरस को खत्म करने वाली गैस मिल गई

OZONE GAS CORONAVIRUS

नई दिल्ली। कोरोनावायरस (CORONAVIRUS) के कोहराम से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है। इससे कैसे दुनिया को बचाया जा सके इसके लिए कई देशों में कोरोना वैक्सीन को बनाने के काम में तेजी लाई गई है। वहीं इस वायरस के प्रसार को कैसे रोका जा सके इसको लेकर वैज्ञानिक (SCIENTIST) कई और तरह के रिसर्च कर रहे हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार की वजह से त्रस्त दुनिया को इससे उबारने के लिए कई तरह के अन्य चीजों पर भी रिसर्च जारी है। अब इस मामले में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोनावायरस को खत्म करनेवाली दवा उन्हें मिल गई है। अगर यह दावा सही है तो यह काफी राहत देनेवाली खबर है।

आपको बता दें कि यह दावा जापान के शोधकर्ताओं ने किया है। वैज्ञानिकों के इस दावे के बाद से पूरी दुनिया हैरान है। जापानी वैज्ञानिकों का कहना है कि ओजोन गैस की मदद से इस वायरस को खत्म किया जा सकता है। इस तरीके से अस्पतालों को भी सुरक्षित बनाया जा सकता है, जहां इस वायरस के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह शोध जापान की फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। उनका कहना है कि यह साबित हो चुका है कि कम घनत्व वाली ओजोन गैस (0.05 से 0.1 पीपीएम) से वायरस को नष्ट किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रयोग के दौरान पाया गया कि कम घनत्व वाली ओजोन गैस के अधीन आने पर कोरोना वायरस की शक्ति 90 फीसदी से अधिक घट गई। इसके लिए वैज्ञानिकों ने ओजोन जनरेटर का इस्तेमाल किया था।

ओजोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है, जो वायुमंडल में बहुत कम मात्रा (0.02 फीसदी) में पाई जाती है। यह तीखे गंध वाली अत्यंत विषैली गैस है। यह वायुमंडल की ऊपरी परत ओजोन परत के रूप में सूर्य के पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी पर जीवन को बचाती है।

वैसे तो ओजोन गैस (OZONE GAS) इंसानों के लिए बहुत नुकसानदेह होती है, लेकिन इसकी सबसे खास और अच्छी बात ये है कि ओजोन गैस की निम्न स्तर की मात्रा इंसानों के लिए सुरक्षित है। फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता ताकायुकी मुराता ने बताया कि इस वायरस के प्रसार को ओजोन गैसे के इस्तेमाल से कम किया जा सकता है।

ताकायुकी मुराता के मुताबिक, ओजोन गैस के उपयोग से कोरोना वायरस पर जल्द काबू पाया जा सकता है। उनका कहना है कि 1-6 पीपीएम की उच्च सांद्रता पर यह गैस कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में प्रभावी है।

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