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Corona Vaccine: सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, जून में कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराक का उत्पादन और सप्लाई करेगी

covishield

नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्‍सीन की किल्‍लत के बीच बड़ी राहत की खबर है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने जून में कोविशील्ड वैक्‍सीन की नौ से 10 करोड़ डोज के प्रोडक्‍शन और सप्‍लाई का दावा किया है। इस बारे में उसने सरकार को सूचित किया है। कई राज्य कोविड-19 वैक्‍सीन की कमी की शिकायत करते रहे हैं। ऐसे में एसआईआई का यह आश्‍वासन केंद्र सरकार को बड़ी राहत देगा। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह को एसआईआई ने एक पत्र भेजा था। इसमें उसने कहा था कि महामारी के कारण खड़ी हुई चुनौतियों के बावजूद उसके कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं।

एसआईआई में सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने पत्र में कहा, ‘हमें यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हम जून के महीने में कोविशील्ड टीके की नौ से 10 करोड़ डोज का उत्पादन और आपूर्ति करने में सक्षम होंगे। यह मई में हमारी उत्पादन क्षमता 6.5 करोड़ डोज की तुलना में अधिक है।’

उन्होंने कहा, ‘हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि भारत सरकार के समर्थन और आपके मार्गदर्शन में हम आने वाले महीनों में भी टीका उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए अपने संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं।’

एसआईआई ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम बयान और सूचना की विश्वसनीयता की पुष्टि करते हैं। हम पिछले एक साल से भारत सरकार के साथ करीबी सहयोग कर रहे हैं और सरकार से मिली मदद के लिए उसका आभार जताते हैं। हम जितना संभव हो उतने लोगों की जान बचाने के लिए अपने टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ कंपनी ने यह जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय के उस बयान के बाद दिया जिसमें उन आरोपों को खारिज किया गया कि मंत्रालय ने एसआईआई को कोविशील्ड टीके के लिए नये ऑर्डर नहीं दिए हैं।

मई की शुरुआत में पुणे की कंपनी ने केंद्र को बताया था कि वह जून में कोविशील्‍ड का उत्‍पादन बढ़ाकर 6.5 करोड़, जुलाई में 7 करोड़ व अगस्‍त और सितंबर में 10-10 करोड़ कर देगी।

भारत में अभी वैक्‍सीनेशन के लिए सीरम इंस्‍टीट्यूट की कोविशील्‍ड और भारत बायोटेक की कोवैक्‍सीन का इस्‍तेमाल हो रहा है। स्‍पूतनिक V तीसरी वैक्‍सीन है जिसे दवा नियामक डीजीसीए से इमर्जेंसी इस्‍तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। इसका इस्‍तेमाल कुछ प्राइवेट अस्‍पतालों में हो रहा है।

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