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Delhi-NCR Pollution: दिल्ली और एनसीआर में आज भी प्रदूषण की हालत गंभीर, हर जगह एक्यूआई 400 से ऊपर, वजह भी आई सामने

Delhi Pollution

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई लगातार 400 से ऊपर बना हुआ है। आज सुबह दिल्ली के पंजाबी बाग में एक्यूआई 460 रहा। वहीं, आनंद विहार में एक्यूआई 452 और आरके पुरम में 433 रहा। दिल्ली में इस अति गंभीर एक्यूआई के कारण दमघोंटू और आंखों में जलन पैदा करने वाली हवा है। दिल्ली के अलावा एनसीआर में भी हालात खराब हैं। ग्रेटर नोएडा में मंगलवार को एक्यूआई 457 रहा था। नोएडा में 355, गाजियाबाद में 342, गुरुग्राम में एक्यूआई 364 और फरीदाबाद में 374 था। अब ठंड बढ़ने के कारण प्रदूषण की स्थिति और खराब हो सकती है। हालांकि, बताया जा रहा है कि गुरुवार को दिल्ली और आसपास थोड़ी बूंदाबांदी होने की संभावना है। बूंदाबांदी से हालांकि प्रदूषण कम नहीं होगा। अच्छी बारिश से ही प्रदूषण खत्म हो सकता है।

दिल्ली में प्रदूषण का कारक लगातार पेड़ काटा जाना भी हो सकता है। हिंदी अखबार दैनिक जागरण ने पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ की एक आरटीआई के हवाले से जानकारी दी है कि दिल्ली में लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। इस आरटीआई से पता चला कि दिल्ली में अगस्त 2016 से अगस्त 2021 तक हर दिन औसतन 8 पेड़ों को काट डाला गया। इन 5 साल में राष्ट्रीय राजधानी में 15000 से ज्यादा पेड़ काटे गए। जबकि, पेड़ बचाने से प्रदूषण कम होता है। फिर भी लोगों और सरकारों को काम के लिए पेड़ काटने की मंजूरी दी गई। वहीं, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले सफर इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली में जो प्रदूषण होता है, उसमें दोपहिया वाहनों से निकलने वाले धुएं का हिस्सा 24 फीसदी होता है। ट्रक और बसों के कारण 20 फीसदी प्रदूषण मापा गया। हवा में घुले छोटे कण यानी पीएम 2.5 की वजह से 32 फीसदी और पीएम 10 से 41 फीसदी प्रदूषण होता है।

दूसरी तरफ जाड़े के मौसम में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में किसान पराली जलाते हैं और इससे दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण गहराता है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस पर गहरी चिंता जताई थी और पंजाब समेत आसपास के राज्यों में पराली जलाने पर तत्काल रोक लगाने को कहा था। कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर पराली जलना बंद न हुई, तो वो जो बुलडोजर चलाएगा वो रुकेगा नहीं। कोर्ट ने ये भी माना था कि पराली जलाना बंद करने के मामले में भी सियासत हो रही है। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है और एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर सरकारें बच रही हैं।

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