मथुरा। गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने मांग की है कि मंदिरों का प्रशासन सरकार के हाथ में होने की जगह किसी बोर्ड के हाथ में होनी चाहिए। शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने असम के गुवाहाटी में चातुर्मास करने के बाद मथुरा आने पर ये मांग की है। शंकराचार्य ने तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाला घी इस्तेमाल किए जाने की खबर पर कहा कि ये लोगों की धार्मिक भावना पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंदिरों का प्रशासन एक बोर्ड को दिया जाए।
वहीं, अब लड्डू प्रसादम में चर्बी वाला घी और मछली के तेल का इस्तेमाल होने का आरोप लगने के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर जाने वाले हैं। जगनमोहन रेड्डी ने बताया है कि वो 28 सितंबर को वेंकटेश्वर मंदिर जाकर वहां पूजा करेंगे। जगनमोहन रेड्डी ने ये भी कहा है कि सीएम चंद्रबाबू नायडू की तरफ से किए गए पाप को धोने के लिए उनकी पार्टी वाईएसआरसीपी 28 सितंबर को पूरे आंध्र प्रदेश में अनुष्ठान करेगी। दरअसल, तिरुमला के लड्डू प्रसादम में मिलावट के मसले ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक रंग लिया है। चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि जगनमोहन रेड्डी के दौर में तिरुमला के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाले घी का इस्तेमाल किया गया।
इस मसले पर संत भी लगातार आवाज उठा रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि लड्डू प्रसादम में जो घी इस्तेमाल होता है, उसकी एक बार फिर जांच कराई जाएगी। तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर को घी की सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी हो चुकी है। वहीं, अब चंद्रबाबू नायडू सरकार ने फैसला किया है कि लड्डू प्रसादम में फिर से कर्नाटक की नंदिनी घी का इस्तेमाल किया जाएगा।