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UP: वाराणसी गैलरी में शिवभक्त देख सकेंगे काशी विश्वनाथ का इतिहास, धरोहरों को किया जाएगा प्रदर्शित

UP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम अब आकार ले रहा है। इसके तहत वाराणसी गैलरी बनाई जा रही है। इस गैलरी में बाबा दरबार के इतिहास के साथ ही पौराणिक महत्व की चीजें भी प्रदर्शित की जाएगी।

kashi vishwanath temple

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम अब आकार ले रहा है। इसके तहत वाराणसी गैलरी बनाई जा रही है। इस गैलरी में बाबा दरबार के इतिहास के साथ ही पौराणिक महत्व की चीजें भी प्रदर्शित की जाएगी। बाबा विश्वनाथ धाम का इतिहास बताने के लिए गैलरी में डिजिटल माध्यम भी होगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में तेजी से बन रहे इस धाम का उद्घाटन दिसंबर में संभावित है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में निर्माण हो रहे 24 भवनों में वाराणसी गैलरी काफी महत्वपूर्ण है। शिव भक्तों में ज्योतिर्लिंग, इसके पौराणिक और आध्यात्मिक महत्त्व और इतिहास को जानने के लिए काफ़ी उत्सुकता रहती है। वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि इस गैलरी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के इतिहास और पौराणिक महत्व की चीजों को शिव भक़्त देख और समझ सकेंगे।

धाम के विस्तारीकरण और विकास के दौरान कुछ घरों से अद्भुत मूर्तियां, पुराने घरों से निकले नक़्क़ाशीदार दरवाजे, खिड़कियां, ताले और चाभी मिले थे। इस विरासत को भी धरोहर के रूप में वाराणसी गैलरी में प्रदर्शित करने की योजना है। काशी की आध्यात्मिक परंपरा को भी गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा। वाराणसी गैलरी में धाम के ऐतिहासिक धरोहरों को डिजिटल माध्यम से भी प्रदर्शित किया जाएगा।

गौरतलब है कि वाराणसी गैलरी का निर्माण 319 वर्ग मीटर में हो रहा है। राउंड शेप में बनी गैलरी में धरोहरों के डिस्प्ले के लिए विशेष प्रबंध है। गैलरी में अच्छी रोशनी आए, इसके के लिए छत के नीचे रोशनदान में पारदर्शी कांच लगाए गए हैं। इमारतों को हेरिटेज लुक देने के लिए बाहरी दीवार पर पत्थर लगाए जा रहे हैं, जो तापमान को भी नियंत्रित रखेंगे। साथ ही बिजली की भी बचत करेंगे।

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