नई दिल्ली। हाल ही में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री की बेटी को जालसाजी से सरकारी नौकरी मिलने का खुलासा हुआ था। दरअसल, पश्चिम बंगाल नियुक्ति घोटाले मामले में स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी का बेटी अंकिता अधिकारी को कोलकत्ता हाई कोर्ट से जोरदार झटका लगा है। एक तरफ हाईकोर्ट ने झटका देते हुए अंकिता अधिकारी की नौकरी को रद्द कर दिया है। वहीं दूसरी ओर मंत्री की बेटी को अगले निर्देश तक स्कूल में एंट्री करने पर भी रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास सहायक स्कूल शिक्षक के अपने कार्यकाल के दौरान अब तक प्राप्त हुई पूरी सैलरी भी जमा करनी होगी। यानी की उन्हें 41 महीने का वेतन भी लौटाना होगा। इसके अलावा शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को न्यायमूर्ति अविजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने इस मामले के लिए नवंबर 2018 से अब तक का वेतन दो किस्तों में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जरनल के पास जमा करने का निर्देश दिया।
दरअसल, इस मामले के लिए जिसने याचिका डाली थी, वहीं उस परिक्षा में पेपर दिया था जिसके लिए अंकिता अधिकारी पर धोकाधड़ी से सरकारी नौकरी पाने का आरोप लगाया जा रहा है। इस मसले पर उम्मीदवार की याचिका पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा था। जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा दावा किया गया कि अंकिता अधिकारी के मुकाबले उसने अधिक अंक हासिल किए थे। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने परिक्षा में 77 अंक और अंकिता अधिकारी ने केवल 61 अंक हासिल किए थे। याचिकाकर्ता को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के भी आदेश दिते हुए अंकिता अधिकारी का पद खाली करने और उसकी जगह याचिकाकर्ता को नौकरी देने की बात कही।
बता दें कि इससे पहले शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी अपनी बेटी अंकिता अधिकारी की अवैध नियुक्ति की पूछताछ को लेकर सीबीआई कार्यालय पहुंचे थे।