नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बीते विधानसभा चुनाव के जिस दिन नतीजे आ रहे थे, उसके आगे कई दिनों तक हुई हिंसा का दौर जारी रहा। इसमें जमकर भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। ऐसे में अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। बता दें कि सीबीआई की जांच में अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे पता चलता है कि नतीजों के बाद ममता बनर्जी सरकार में अराजकता की सभी सीमाएं तोड़ी जा चुकी थीं। बता दें कि चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा की जांच कर रही CBI ने सबसे पहले अभिजीत सरकार के घर जाकर उनके परिजनों से बात की। जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि, भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत का मर्डर 2 मई को, जिस दिन नतीजे आ रहे थे, उसी दिन हुआ था। गौरतलब है कि बंगाल की इस हिंसा में BJP ने जिन 42 कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी, और भाजपा की तरफ से जो लिस्ट तैयार की गई थी, उसमें कोलकाता से सिर्फ एक नाम अभिजीत सरकार का शामिल है।
बता दें कि अभिजीत सरकार के परिवार का आरोप है कि राजनीतिक रंजिश के चलते TMC से जुड़े लोगों ने उनके बेटे को मार डाला। वहीं दैनिक भास्कर की अभिजीत सरकार के परिवार से हुई बात में पता चला है कि, नॉर्थ कोलकाता में काकुरगाछी के नारकेलडांगा थाने की सीमा में ही 18 नंबर गली में BJP का वार्ड ऑफिस है। इस ऑफिस के पीछे वाली गली में अभिजीत सरकार का घर है। इस दौरान रामो शर्मा नाम के एक शख्स ने बताया कि, 2 मई को सुबह 11 बजे से ही यहां पर हुड़दंग मचने लगा था। लोग उत्पात मचा रहे थे। 50-60 लोगों की भीड़, जिनके पास डंडा, छुरी, हथियार सब थे। उनकी और अभिजीत के बीच भाजपा दफ्तर के आगे ही झड़प हुई। इस झड़प के बाद अभिजीत अपने घर वाली गली में चला गया। हुड़दंग करने वाले लोग उसके भाई, मां के साथ मारपीट करने लगे। ऐसे में अभिजीत इस चीज का वीडियो बना रहा था, तो उसे सड़क पर खींचकर ले आए और बहुत मारा।
रामो शर्मा का कहना है कि उसकी पिटाई करने वालों में उसके गली के ही 4-5 लड़के थे। जोकि अब फरार चल रहे हैं। वहीं इस दिन की हिंसा को लेकर अभिजीत सरकार के भाई बिश्वजीत सरकार का कहना है कि, “उन्होंने बमबारी शुरू कर दी। इतना कि पुलिस को हमने बुलाया और पुलिस के सामने ही उन लोगों को बम फेंका। ये सब TMC से जुड़े लोग थे। ऐसा जब हो रहा था तब मेरे भाई ने इस घटना का वीडियो बनाना शुरू किया। जिसके बाद वो हमारे घर में घुस आए और सबको मारने पीटने लगे। ऐसे में सीसीटीवी के तार को खींचकर उन्होंने मेरे भाई का गला घोट दिया। इसकी रिकॉर्डिंग भी है, जोकि अब सीबीआई के पास पहुंच गई है।
बिश्वजीत सरकार ने अभिजीत के बारे में बताया कि, 2010 से ही मेरा भाई भाजपा में अलग-अलग पदों पर था। अभी वह ट्रेड यूनियन का उपाध्यक्ष रह चुका था। मेरे भाई को वो लोग मारते हुए कह रहे थेस कि और BJP करेगा? चल अब आज तेरा सब खत्म।
बता दें कि अभी अभिजीत सरकार का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ है। इसको लेकर बिश्वजीत सरकार का कहना है कि, हमं बिना बताए ही पुलिस ने पोस्टमार्टम कर दिया। मुझे आइडेंटिफाई करने के लिए भी नहीं बुलाया गया। मैंने दोबारा पोस्टमॉर्ट्म करने की मांग को लेकर कोर्ट में अर्जी दी, जिसपर दोबारा पीएम तो हुआ लेकिन हमें पता ही नहीं कि वो हमारे भाई की है या नहीं। दरअसल जब दूसरी बार पोस्टमार्टम हुआ तो बॉडी पूरी तरह से गल चुकी थी। ऐसे में हमने DNA टेस्ट की अर्जी दी। डीएनए टेस्ट भी हुआ लेकिन उसकी रिपोर्ट हमें नहीं मिली है, वो सीबीआई को मिल चुकी है। फिलहाल अब यह मामला सीबीआई के पास है तो उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।