News Room Post

Manipur Violence: दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश, मणिपुर हिंसा के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Manipur Violence: इस मामले की शुरुआत तब हुई जब गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को एसटी के दर्जे की मांग के खिलाफ ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ ने आदिवासी एकजुटता मार्च’ बुधवार को निकाला था, लेकिन इस दौरान हिंसा की आग फैल गई।

नई दिल्ली। भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में हिंसक घटना के बीच सरकार ने दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के ऑर्डर दिए हैं। सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ साफ लिखा है कि प्रशासन द्वारा विषम परिस्थितियों में ही ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो संदेश में अंतर आज के लोगों से अनुरोध किया है कि राज्य के भीतर शांति को स्थापित करने में वह सरकार की सहायता करें। उन्होंने आगे कहा कि जो भी तोड़फोड़ या हिंसा करे घटनाओं को अंजाम देगा उसके खिलाफ हम कार्रवाई करने से नहीं चूकेंगे।

आपको बता दें कि मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच बीते कई दिनों से तनाव का माहौल पैदा हुआ है। बुधवार (3 मई) की रात ये तनाव हिंसा का रूप ले लिया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रातोंरात सेना और असम राइफल्स के कई दलों को फौरन तैनात किया गया। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने का काम चल रहा है।

गौर करने वाली बात ये है कि इस मामले की शुरुआत तब हुई जब गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को एसटी के दर्जे की मांग के खिलाफ ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ ने आदिवासी एकजुटता मार्च’ बुधवार को निकाला था, लेकिन इस दौरान हिंसा की आग फैल गई।

Exit mobile version