नई दिल्ली। पंजाब की राजनीति में अक्सर किसी ने किसी मसले को लेकर भूचाल लाने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्य़क्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से अपने एक कदम से तहलका मचा कर रख दिया है। आगामी विधनसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने आज यानी की बुधवार को 10 स्थानों पर प्रचार करने का फैसला किया था, जिसमें प्रमुख स्टार प्रचारक के रूप में सिद्धू का नाम भी शुमार था। ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रचार स्थलों की इस सूची में अमृतसर का नाम भी दर्ज था, जहां से खुद सिद्धू चुनाव लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज के चुनाव प्रचार की पूरी तैयारी की जा चुकी थी। वे सभी मसले तय किए जा चुके थे जिनका सहारा लेकर बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोलना था, लेकिन अफसोस सिद्धू ने महज एक चूक से इन सभी रणनीतियों को धरातल पर उतरने से पहले ही धराशायी कर दिया।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर अब सिद्धू ने ऐसा क्या कर दिया, तो आपको बताते चलें कि वे बीच पड़ाव पर ही चुनाव प्रचार छोड़ कर माता वैष्णो देवी के दर्शन करने चले गए। जिससे कांग्रेसीजनों के होश फाख्ता हो गए। उन्हें एक पल के लिए यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया। आखिर उन्होंने बीच में ही चुनाव प्रचार छोड़कर भगवान के दर्शन करने के लिए चुनाव लिए गए हैं या कोई और मसला रहा। फिलहाल, कांग्रेस की तरफ से इस मसले पर टिप्पणी करने से बचा जा रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि माता वैष्णो देवी दर्शन करने का प्लान सिद्धू ने काफी पहले ही बना लिया था। लेकिन अब सवाल यह पूछा जा रहा है कि चुनाव जैसी महत्वपूर्ण समय में वे भला चुनाव प्रचार को छोड़ने की खता कैसे कर सकते हैं। बहरहाल, अपने इस कदम से सिद्धू ने एक मर्तबा फिर से पंजाब की सियसात में भूचाल ला कर रख दिया है। अब ऐसे में देखना होगा वे खुद इस पर मसले पर क्या राय जाहिर करते हैं।
बता दें कि प्रदेश में आगामी 14 फरवरी से विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। तमाम सियासी दलों के सियासी सूरमा अपनी जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस बीच मुख्तलिफ दलों के बीच वार-प्रतिवार का सिलसिला भी देखने को मिल रहा है। कोई किसी पर किसी मसले को लेकर हमला बोल रहा है तो किसी पर किसी मसले को लेकर हमला बोल रहा है। अभी कुछ दिनों पहले ही सिद्धू और मजाठिया के बीच तीखे जुबानी बाण छोड़े जा रहे थे, जब सिद्धू ने मजाठिया को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर दम है, तो अमृतसर से चुनाव लड़कर दिखाए। पता लग जाएगा कि किसमें कितना दम है। बता दें कि सिद्धू जहां अमृतसर से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं, तो वहीं मजाठिया मजीठा सीट से चुनावी मैदान में हैं।
उधर, सिद्धू ने इस चुनौती को मजाठिया ने सहर्ष स्वीकार कर अमृतसर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बेशक अब आगामी चुनावी दंगल में दोनों ही सियासी सूरमाओं के बीज जमकर सियासी दंगल देखने को मिलेगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि किसकी जीत होती है और किसकी हार। लेकिन सिद्धू की चुनौतियों की परिधि महज अपनी चुनावी सीट को महफूज रखने तक ही सीमित नहीं है. बल्कि सीएम की कुर्सी पर आसीन होने की मशक्कत में भी वे जुटे हुए हैं। आज शाम तक पार्टी की तरफ सीएम फेस का ऐलान किया जा सकता है। ऐसे में यह तय होगा जाएगा कि सिद्धू का आगामी सियासी भविष्य क्या रुख अख्तियार करने जा रहा है।