पटना। नीट यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई को बिहार में बड़ी सफलता मिली है। पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पटना एम्स के 3 डॉक्टरों को पकड़ा है। ये तीनों 2021 बैच के बताए जा रहे हैं। सीबीआई ने एम्स स्थित इन तीनों डॉक्टरों के कमरे सील किए हैं और मोबाइल व लैपटॉप भी जब्त किया है। पकड़े गए तीनों डॉक्टरों से सीबीआई पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि नीट यूजी का लीक पेपर सॉल्व करने में तीनों डॉक्टरों का हाथ है।
इससे पहले सीबीआई ने नीट यूजी का पेपर बक्से से चुराने के आरोपी पंकज कुमार को गिरफ्तार किया था। पंकज कुमार का संबंध हजारीबाग के ओएसिसस स्कूल के प्रिंसिपल से मिला था। इसी स्कूल से पेपर लीक कराने के आरोपी संजीव मुखिया तक नीट यूजी का परचा पहुंचा था। सीबीआई पहले ही ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को नीट यूजी पेपर लीक मामले में पकड़ चुकी है। सीबीआई ने हजारीबाग से राजू सिंह को भी पकड़ा है। राजू सिंह पर आरोप है कि उसने नीट यूजी का लीक पेपर आगे लोगों को पहुंचाने में मदद की। अब पेपर सॉल्व करने वाले डॉक्टरों की गिरफ्तारी से नीट यूजी लीक मामले में कड़ियों को जोड़ने में सीबीआई को आसानी होगी।
नीट यूजी पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया जा रहा संजीव मुखिया अभी सीबीआई की पहुंच से बाहर है। संजीव मुखिया के रिश्ते तमाम पेपर लीक माफिया से बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक संजीव मुखिया ने इससे पहले भी कई परीक्षा के पेपर लीक कराए हैं। 4 जून को नीट यूजी का रिजल्ट आया था। वहीं, बिहार पुलिस की ईओयू ने पेपर लीक मामले का खुलासा किया था। जबकि, गुजरात में पुलिस ने एक सेंटर पर छापा मारकर वहां नीट यूजी परीक्षा के बाद ओएमआर शीट पर सही जवाब लिखने वाले सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया था। इसके बाद से ही नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग तमाम छात्र कर रहे हैं। छात्रों ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया। जबकि, केंद्र सरकार का कहना है कि नीट यूजी का पेपर देश के बड़े हिस्से में लीक नहीं हुआ था। ऐसे में नीट यूजी परीक्षा रद्द करने से 23 लाख अभ्यर्थियों का बड़ा नुकसान होगा।