News Room Post

Navjot Singh Siddhu : 10 महीने पटियाला जेल में काटने के बाद आखिरकार बाहर आए नवजोत सिंह सिद्धू, बोले- ‘लोकतंत्र…

नई दिल्ली। करीब 10 महीने से ज्यादा का समय जेल में काटने के बाद आखिरकार मुस्कुराते हुए नवजोत सिंह सिद्धू जेल के बाहर आए उन्होंने आते ही सबसे पहले मीडिया के सामने जाकर लोकतंत्र को लेकर एक बड़ा उन्होंने कहा कि इस देश में लोकतंत्र नाम की कोई भी चीज नहीं है।आपको बता दें कि सजा पूरी होने से पहले आज करीब 48 दिन पहले उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। बताया जाता है कि जेल नियमों के अनुसार, कैदियों को हर महीने 4 दिन की छुट्टी दी जाती है। एक साल की सजा के दौरान सिद्धू ने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली जिस वजह से उनकी रिहाई जल्दी की गई है। इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी भी कैंसर से जूझ रही है।

 

रोड रेज के मामले में 59 वर्षीय सिद्धू एक साल जेल की सजा काट रहे थे। वहीं कैंसर से जूझ रहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर ने सिद्धू की जेल से रिहाई से पहले एक भावनात्मक ट्वीट साझा किया है। उन्होंने लिखा, “सिद्धू को सबक सिखाने के लिए भगवान से मौत मांगी थी। पंजाब के लिए उनके पति के प्यार ने उन्हें किसी भी लगाव के दायरे से बाहर कर दिया था।” के बाद अपने एक और ट्वीट में नवजोत कौर सिद्धू ने लिखा-  “बिल्कुल सही: आपका इंतजार किया, आपको बार-बार न्याय से वंचित होते हुए देखा। सत्य इतना शक्तिशाली है। लेकिन यह बार-बार आपकी परीक्षा लेता है। क्षमा करें, आपका इंतजार नहीं कर सकती, क्योंकि यह चरण 2 का घातक कैंसर है। आज सर्जरी के लिए जा रही हूं। किसी एक को दोष नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह भगवान की योजना है।” आपको बता दें कि कुछ फॉर्मेलिटी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू थोड़ी ही देर में जेल से बाहर आने वाले हैं और कई खबरें तो ऐसी आ रही है कि वो जेल से भी बाहर आ चुके हैं।

जब नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल से बाहर निकले तो अपने समर्थकों के साथ तेज कदमों से चलते हुए दिखाई दिए। 

आपको बता दें कि 1988 के एक रोडरेज के मामले में 59 वर्षीय सिद्धू करीब 10 महीनों से अधिक समय से जेल की सजा काट रहे हैं इस बीच उनकी पत्नी को कैंसर से भी जूझना पड़ा है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसर्मण कर दिया था जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया। उच्चतम न्यायालय के द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल के कठोर कारावास की सजा दी गई है।

 

Exit mobile version