नई दिल्ली। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले पार्टी के नेताओं के समूह में से कई को अपने साथ लाने की कोशिश की है। इसके लिए इन नेताओं को उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के ग्रुप्स में इन्हें शामिल किया है। चुनावी समर में कांग्रेस की लगातार हार के बाद पार्टी के 23 नेताओं ने चिट्ठी लिखकर नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। इस समूह को “जी-23” का नाम मिला था। उन्होंने पिछले साल सीधे सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। अब सोनिया गांधी ने इन्हें फिर अपने पाले में खींचने की कोशिश की है। इसी कोशिश के तहत सोनिया ने मनीष तिवारी और शशि थरूर को लोकसभा के सात सदस्यीय ग्रुप में शामिल किया है। लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ही कांग्रेस के नेता रहेंगे।
हाल ही में अफवाह फैली थी कि अधीर को हटाकर लोकसभा में कांग्रेस का नेता राहुल गांधी को बनाया जा सकता है। इसके अलावा के. सुरेश को लोकसभा में पार्टी का चीफ व्हिप और रवनीत सिंह बिट्टू और मनिक्कम टैगोर को व्हिप बनाया गया है। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस संसदीय दल के नेता रहेंगे। जबकि, नेतृत्व के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले आनंद शर्मा को खड़गे का डिप्टी बनाया गया है। वहीं, जयराम रमेश को राज्यसभा में चीफ व्हिप की जिम्मेदारी दी गई है।
सोनिया गांधी ने इस बारे में जारी आदेश में कहा है कि संसद सत्र के दौरान दोनों ही ग्रुप के सदस्य आपस में बैठक करेंगे और जरूरत होने पर दोनों ग्रुप्स की संयुक्त बैठक भी हो सकती है। बता दें कि नेतृत्व बदलने की मांग करने वाले नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हो गए हैं, लेकिन अभी ये नहीं पता कि पार्टी उनको दोबारा चुनकर भेजने वाली है या नहीं।