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Ashoka University Professor Arrested: सोनीपत की अशोका यूनिवर्सिटी का सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद गिरफ्तार, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

Ashoka University Professor Arrested: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ वहां के हाईकोर्ट की टिप्पणी का हवाला देकर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर केस दर्ज करने के लिए कहा था। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस मामले में आरोपी सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को 48 घंटे में तलब भी किया था, लेकिन वो वहां नहीं पहुंचा।

सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में पुलिस ने अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को गिरफ्तार किया है। अशोका यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले अली खान महमूदाबाद पर आरोप है कि उसने भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी के अलावा सेना के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। अखबार अमर उजाला की खबर के मुताबिक सोनीपत के जठेड़ी गांव के सरपंच का बयान दर्ज करने के बाद अली खान महमूदाबाद को गिरफ्तार किया गया है। जठेड़ी गांव के सरपंच ने पुलिस को बयान दिया है कि सोशल मीडिया पर उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के अलावा भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बयान पढ़ा। सोशल मीडिया पर ये अली खान महमूदाबाद ने डाला था।

अली खान महमूदाबाद के सोशल मीडिया पोस्ट पर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने खुद संज्ञान लिया था। अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर की तरफ से महिला अफसरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने डीजीपी से शिकायत की थी। मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ वहां के हाईकोर्ट की टिप्पणी का हवाला देकर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर केस दर्ज करने के लिए कहा था। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस मामले में आरोपी सहायक प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को 48 घंटे में तलब भी किया था, लेकिन वो वहां नहीं पहुंचा।

इससे पहले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया को जानकारी देने वाली सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में विवादित बयान दिया था। हंगामा मचने पर विजय शाह ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी। वहीं, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनके बयान को खुद संज्ञान में लेकर मध्य प्रदेश पुलिस से केस दर्ज करने की मांग की थी। विजय शाह केस रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उनको राहत नहीं मिली थी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बाद में एफआईआर की भाषा पर भी सवाल उठाए थे और फिर से इसे दर्ज करने का आदेश दिया था।

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