News Room Post

Punjab Election 2022: सोनू सूद की बहन ने थामा कांग्रेस का दामन, अब इस सीट से लड़ सकतीं हैं चुनाव

congress

नई दिल्ली। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान देश के आर्थिक तबके से कमजोर लोगों के बीच फरिश्ते के किरदार में नजर आने वाले भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद ने औपचारिक रूप से कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हालांकि, अभिनेता की बहन के कांग्रेस में शामिल होने के कयास काफी दिनों से लगाए जा रहे थे, लेकिन इन कयासों को अधिकृत मंजूरी देने से गुरेज किया जा रहा था, जिस पर मालविका सूद ने कांग्रेस में शामिल होकर स्थायी विराम लगा दिया है। सोनू सूद की बहन मालविका सूद औपचारिक रूप से कांग्रेस की नौका में सवार होकर अपनी सियासी पारी का आगाज करने का ऐलान कर चुकी हैं। मालविका सूद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब इस बात की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है  कि क्या महामारी के दौरान आम जनता के बीच फरिश्ते की भूमिका निभाने वाले सोनू सूद भी क्या अब सियासी सूरमा का तगमा हासिल करने के लिए किसी सियासी दल की नौका की सवारी करने का मन मनाएंगे।

बहरहाल, बीते दिनों इन्हीं उभरते कयासों पर खुद अभिनेता ने यह कहकर विराम लगा दिया था कि उनका सियासत में आने का कोई ख्याल नहीं है। बहरहाल, सोनू सूद अभी बतौर अभिनेता ही जनता जनार्दन की खिदमत में मसरूफ रहना चाहते हैं। अभी उनके जेहन में अभिनेता से नेता बनने का कोई ख्याल नहीं है। चलिए, अब इसी बहाने आगे की रिपोर्ट में हम यह भी जान लेते हैं कि जब सोनू सूद की बहन औपचारिक रूप से कांग्रेस का दामन थाम ही चुकी हैं, तो उन्हें किस सीट से चुनाव में उतारा जाएगा।

इस सीट से लड़ सकती हैं चुनाव

खबरों की मानें तो मालविका सूद को मोगा विधानसभा सीट से चुनाव में उतारा जा सकता है। इससे पहले भी मालविका कांग्रेस की तरफ से मोगा विधानसभा सीट से जनता जनार्दन को रिझाने के लिए चुनाव प्रचार कर चुकी हैं। अब माना जा रहा है कि आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वे बहुत जल्द चुनाव प्रचार का आगाज कर सकती हैं।

आप से बताई जा रही थी नजदीकियां  

हालांकि, पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सोनू सूद की बहन मालविका आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकती हैं। यह कयास ‘आप’ से बढ़ती उनकी नजदीकियों को ध्यान में रखते हुए लगाए जा रहे थे। बीते दिनों मालविका खुद आम आदमी पार्टी के कई नेताओं से मुखातिब हुई थीं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस का दामन थामकर सियासी गलियारों में चर्चा के बाजार को एक मर्तबा फिर से गुलजार कर दिया है। वहीं, मालविका बहुत जल्द ही कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार का सिलसिला शुरू कर सूबे के सियासी बयार को अपने पक्ष में करतीं दिखेंगी।

सूबे का सियासी आलम

वहीं, अगर मालविका के कांग्रेस में शामिल होने के बहाने सूबे के सियासी आलम की बात करें, तो यह कहने में किसी भी सियासी पंडित को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस बार के चुनाव में सूबे में मुख्तलिफ सियासी दलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। जहां एक तरफ किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी के लिए सियासी चुनौतियों का सैलाब बरकरार हैं। तो वहीं कांग्रेस के लिए भी सियासी राह आसान नहीं मानी जा रही है। ऐसे में पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में सूबे के इन सियासी समीकरणों का क्या असर पड़ता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

Exit mobile version