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Security On Pran Pratishtha: भगवान रामलला की सुरक्षा में अब तैनात होंगे एसएसएफ के जवान, प्राण प्रतिष्ठा पर छावनी में तब्दील अयोध्या

अयोध्या। राम मंदिर में भगवान रामलला स्थापित होने के साथ ही कल प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों को दर्शन देंगे। अब तक अस्थायी मंदिर में भगवान रामलला की पूजा हो रही थी। इससे पहले रामलला 6 दिसंबर 1992 से लेकर 2019 के नवंबर तक विवादित जमीन पर टेंट के नीचे रहे थे। रामलला का मंदिर बनने के साथ ही हर रोज लाखों भक्तों के आने का अनुमान है। इस कारण यहां सुरक्षा व्यवस्था को बहुत चौकस और सख्त रखा गया है। फिलहाल रामलला के मंदिर की सुरक्षा सीआरपीएफ के हाथ ही रही है। सीआरपीएफ की टुकड़ियां रामलला के बाबरी मस्जिद, फिर टेंट और अस्थायी मंदिर में रहने के दौरान सुरक्षा में लगी रहीं। अब यूपी सरकार ने रामलला की सुरक्षा के लिए स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स यानी एसएसएफ बनाई है।

यूपी सरकार ने एसएसएफ को पीएसी और पुलिस के जांबाज जवानों को लेकर तैयार किया है। इस बल के जिम्मे ही भविष्य में रामलला की सुरक्षा का जिम्मा होने जा रहा है। एसएसएफ के सभी जवानों को आतंकवादी हमलों और अन्य सुरक्षा परिस्थितियों से निपटने की पूरी ट्रेनिंग दी गई है। रामलला जब टेंट में थे, तब 5 जुलाई 2005 को 5 आतंकियों ने हमला किया था। इन सभी को सीआरपीएफ ने सभी को मार गिराया था। कट्टरपंथियों के निशाने पर राम मंदिर हमेशा रहा है। ऐसे में एसएसएफ की जिम्मेदारी काफी बड़ी हो जाती है। फिलहाल प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर एसएसएफ के जवानों को सीआरपीएफ के घेरे के बाद सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पूरी अयोध्या को छावनी बना दिया गया है। यूपी पुलिस, पीएसी, यूपीएटीएस के जवानों के अलावा आरएएफ की टुकड़ियों को भी अयोध्या में तैनात किया गया है। ड्रोन के जरिए चौतरफा नजर रखी जा रही है। सरयू नदी में नावों के इस पार से उस पार जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा यूपीएसटीएफ को प्रदेशभर में असामाजिक और कट्टरपंथी तत्वों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। चौकसी की वजह से ही खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के लिए रेकी कर रहे 3 लोगों को अयोध्या में गिरफ्तार भी करने में सफलता मिली है।

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