नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद से विवादों का दौर जारी है। गिलानी की मौत के बाद पुलिस ने उनके परिवार पर आरोप लगाया था कि गिलानी की मौत के बाद उनके शव को पाकिस्तान के झंडे में लपेटा गया और भारत विरोधी नारेबाजी भी की गई। जिसके बाद पुलिस ने गिलानी के परिवार समेत तमाम लोगों के खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों की रोकथाम के लिए बने सख्त UAPA कानून के तहत केस दर्ज किया है। यूएपीए कानून की धारा 13 और आईपीसी की धारा 353 के तहत गिलानी के परिजनों के खिलाफ बडगाम थाने में केस दर्ज किया गया है।
गिलानी के बेटों का था ये आरोप
गिलानी के बेटे डॉक्टर नईम ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, “हमें अपने पिता का इस्लामी क़ायदे के हिसाब से अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। ये हमारा अधिकार था लेकिन हमसे ये अधिकार भी छीन लिया गया। हम इस बात को लेकर बहुत दुखी हैं।” उनका कहना है कि वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं ले सके। उनके बेटों ने साथ ही कहा कि जब गिलानी ने अंतिम सांस ली तब पुलिस और सरकारी अधिकारी उनके पिता के शव को ज़बरदस्ती ले गए। दोनों भाई कहते हैं, “न उन्हें अंतिम स्नान कराया जा सका, न जनाज़े की नमाज़ पढ़ी गई और न ही हम अपने हाथों से उन्हें क़ब्र में उतार सके।” आरोप यह भी लगाया गया है कि ‘घर में मौजूद महिलाओं ने पुलिस से कहा कि वे उनके शव को न छुएं। लेकिन वो सुबह तीन बजे फिर से आए और हमने रात में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। वो ज़बरदस्ती शव को उठाकर ले गए और बिना परिजनों के अंतिम संस्कार कर दिया।‘ वहीं पुलिस ने भी इन आरोपों का खंडन किया है।
पुलिस ने किया आरोपों का खंडन
इस मामले पर सैयद अली शाह गिलानी के बेटे ने भी जम्मू-कश्मिर पुलिस पर कई आरोप लगाए थे। वहीं पुलिस ने इन आरोपों को बिल्कुल गलत बताया है, साथ ही बेनकाब करते हुए कहा कि ‘गिलानी की मृत्यु के बाद, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने एसपी और एएसपी के साथ उनके दोनों बेटों से रात 11 बजे उनके आवास पर मुलाकात की,
After death of SAS Geelani, IGP Kashmir Shri Vijay Kumar along with SP & ASP met both of his sons at their residence at 11pm, condoled them & requested for burial in the night for larger interest of general public due to potential major L&O situations. Both agreed and asked (1/4)
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 6, 2021
उन्हें शोक व्यक्त किया और संभावित प्रमुख एल एंड ओ स्थितियों के कारण आम जनता के बड़े हित के लिए रात में दफनाने का अनुरोध किया और दोनों मान गए।
to wait for two hours until relatives reach. IGP Kashmir personally spoke to a few relatives and ensured them of safe passage. However, 3hrs later probably under the pressure from Pakistan & miscreants they behaved differently & started resorting to anti-national activities (2/4)
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 6, 2021
और पूछा रिश्तेदारों के पहुंचने तक दो घंटे इंतजार करना। आईजीपी कश्मीर ने व्यक्तिगत रूप से कुछ रिश्तेदारों से बात की और उन्हें सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया। हालांकि, 3 घंटे बाद शायद पाकिस्तान और बदमाशों के दबाव में उन्होंने अलग व्यवहार किया और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का सहारा लेना शुरू कर दिया ।
including wrapping deadbody in Pakistani flag, making loud sloganeering in favour of Pakistan and instigating neighbours to come out. After persuasion the relatives brought the deadbody to the graveyard and performed last rites with due respect in presence of (3/4)
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 6, 2021
जिसमें लाश को पाकिस्तानी झंडे में लपेटना, पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी करना और पड़ोसियों को बाहर आने के लिए उकसाना शामिल है. मनाने के बाद परिजन शव को श्मशान ले आए और उनकी मौजूदगी में सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया
members of Intizamia Committee and local Imam. The refusal of both his sons to come to graveyard indicated their loyalty to Pakistani agenda rather than their love & respect for their departed father. (4/4)@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 6, 2021
इंतिज़ामिया कमेटी के सदस्य और स्थानीय इमाम। उनके दोनों बेटों के कब्रिस्तान में आने से इनकार करना उनके दिवंगत पिता के लिए उनके प्यार और सम्मान के बजाय पाकिस्तानी एजेंडे के प्रति उनकी वफादारी का संकेत था।
गौरतलब है कि सैयद अली शाह गिलानी की मौत बाद उनके दफन को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे थे। जिनका जवाब देते हुए अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपनी बात रखते हुए कफन से दफन तक की पूरी कहानी बताई है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपने बयान में गिलानी की मौत के बाद उनके गुसल, कफन और दफन करने के तरीके पर पुलिस की आलोचना की थी।