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Strictness On Terror: गिलानी के शव पर लगाया पाक का झंडा, तो लिया गया सख्त एक्शन, जिसपर तिलमिला गए इमरान खान, मोदी सरकार पर लगाया आरोप

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के परिवार समेत तमाम लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। लोगों पर देशविरोधी गतिविधियों की रोकथाम के लिए बने सख्त UAPA कानून के तहत यह दर्ज की गई यह FIR दर्ज की गई है। गिलानी के परिजनों पर यह आरोप भी लगाया गया है कि गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने के साथ ही कथित ”राष्ट्र विरोधी” नारेबाजी भी की गई है। वहीं अब इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत सरकार पर निशाना साधा है। इमरान खान ने यह केस दर्ज होने की एक खबर को ट्विटर पर शेयर किया इसके साथ ही कहा कि बीजेपी सरकार के तहत भारत का फासीवाद की तरफ बढ़ने का एक और शर्मनाक उदाहरण है इससे पहले पाकिस्तान ने गिलानी के निधन पर शोक भी मनाया था।

इमरान खान ने इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा कि “कश्मीरी नेताओं में सबसे सम्मानित और सिद्धांतवादी, 92 साल के सैयद अली शाह गिलानी के शव को छीनना और फिर उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज करना, नाजीवाद से प्रेरित आरएसएस-बीजेपी सरकार के तहत भारत का फासीवाद की तरफ बढ़ने का एक और शर्मनाक उदाहरण है।” बता दें कि  पाकिस्तान समर्थक सैयद अली गिलानी लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। जिनका बुधवार रात श्रीनगर में उनके आवास पर ही निधन हो गया था। जम्मू कश्मीर में तीन से अधिक दशकों तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले गिलानी को उनके घर के नजदीक एक मस्जिद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।

गिलानी के बेटे नसीम ने पहले कहा था कि उनके पिता की लाश को पुलिस जबरदस्ती ले गई और अंतिम संस्कार कर दिया। साथ ही उन्होंने परिवार की महिलाओं के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया था, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस के बड़े अफसरों के मुताबिक दोनों ही आरोप गलत हैं और परिवार के साथ अन्य लोगों ने देशविरोधी काम किया है।

पुलिस के मुताबिक गिलानी के अंतिम संस्कार के लिए मदद की गई थी। 92 साल के गिलानी का बुधवार को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में बने अपने मकान में निधन हो गया था। इसके बाद कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। फिलहाल, ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन मोबाइल इंटरनेट सेवा को सोमवार से शुरू किया जाएगा।

गिलानी ने हमेशा ही कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का राग गाया। खुद तीन बार विधायक रहे, लेकिन कश्मीर को पाकिस्तान से मिलाने की बात कहते रहे। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी गुट से अलग होकर अपनी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस बनाई। पाकिस्तान ने गिलानी की मौत के बाद एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। इसी से साफ हो जाता है कि गिलानी भले ही भारत में रहते हों, लेकिन वह पाकिस्तान के करीबी थे। हालांकि, पिछले काफी समय से कश्मीर के हालात पर उनकी कोई नहीं सुनता था। आम लोगों ने बंद के उनके आह्वानों पर भी रिएक्ट करना बंद कर दिया था।

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