नई दिल्ली। भारत का इतिहास पुराऐतिहासिक काल से लेकर पाषाण काल तक चित्रकारी और शिल्पकारी का इतिहास समृद्ध रहा है। इस समृद्ध इतिहास के साक्षी हैं भीमबेटका की गुफाएं, सांची के स्तूप और अजंता एलोरा की गुफाएं। इन सभी में जिस बारीकी से नक्काशी और चित्रकारी का काम किया गया। वह दुनिया भर में भारत की पहचान को ऊंचा उठाने का कार्य करता है। अब अरावली की पहाड़ियों में मिली पाषाण काल की चित्रकारी ने गुड़गांव के आसपास के इलाकों में पुरातत्वविदों की जिज्ञासा बढ़ गई है। सोहना के बादशाहपुर तेथर गांव में पत्थर पर बने कई भित्तिचित्र मिले हैं। इसके अलावा क्वार्टजाइट रॉक पर इंसानों और जानवरों के पदचिह्न भी पाए गए हैं।
Aravali Hills : गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ी में मिला इतना पुराना ‘इतिहास का खजाना’, देखकर फटी रह जाएंगी आँखें
Aravali Hills : माना जाता है कि ये कलाकृतियां 10 हजार साल बीपी पुरानी हैं। हालांकि सर्वे के बाद ही सही समय का पता चल पाएगा। हरियाणा डायरेक्ट्रेट ऑफ आर्कियोलॉजी ऐंड म्यूजियम की डायरेक्टर ने कहा, इससे हमें पता चलता है कि कैसे आदि मानवों ने हथियार और औजार बनाए। ज्यादातर कलाकृतियों में मानव और जानवरों के पदचिह्न पाए गए हैं।
