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UP : सड़क हादसे का शिकार हुई सुदीक्षा के पिता को न्याय का इंतजार

नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा के डेरी स्कनर गांव की रहने वाली सुदीक्षा भाटी की सड़क हादसे में हुई मौत से परिजनों में प्रशासन के प्रति आक्रोश है। पीड़ित परिवार का कहना है कि बुलेट सवार दो युवक सुदीक्षा की बाइक के आगे-पीछे स्टंट कर रहे थे, जिसके चलते हुए हादसे में उसकी मौत हो गई। सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने आईएएनएस से कहा, “पुलिस ने हमें जो समय दिया है, उसके बाद हम विचार करेंगे कि क्या करना है। कोर्ट, सीबीआई जांच और आंदोलन जो जरूरी कदम उठाना पड़ेगा वो उठाएंगे।” उन्हें इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि सांसद डॉ. महेश शर्मा अभी तक उनसे मिलने नहीं आए।


आईएएनएस जिस वक्त सुदीक्षा भाटी के गांव पहुंचा, उस वक्त गांव में कैंडल मार्च निकाला जा रहा था। यह जिक्र करने पर कि पुलिस ने कहा है कि चश्मदीद के मुताबिक, आगे टैंकर था, पीछे बुलेट और उसके पीछे सुदीक्षा की बाइक थी। अचानक ब्रेक लगने की वजह से यह हादसा हुआ है, सुदीक्षा के पिता ने कहा, “क्या चश्मदीद गुजरने वाले टैंकर का नंबर बता सकता है? क्या इस चश्मदीद ने हमारे बच्चों को उठाकर अस्पताल पहुंचाया? चश्मदीद ने हमारी क्या मदद की?”

क्या चश्मदीद प्रशासन के दबाब में आकर झूट बोल रहा है? इस सवाल के जवाब में जितेंद्र ने कहा, “तैयार की हुई, बनी-बनाई कथा है। हमारे बच्चे के शव के लिए एम्बुलेंस नहीं था। शवगृह में ले जाया गया तो उनके पास पन्नी नहीं था। जबकि कोरोना काल चल रहा है। शवगृह से निकाले जाने के बाद भी शव के लिए एम्बुलेंस नहीं था।”

जब आईएएनएस ने पूछा कि जो आरोप लगाया गया कि बाइक पर छेड़खानी की गई, क्या बाइक सवार सुदीक्षा को पहले से जानते थे? इस सवाल के जबाब में जितेंद्र ने कहा, “ये आरोप नहीं ये सत्य है। 60 किलोमीटर दूर का आदमी हमें क्यों जानेगा? ये मनचले हैं जिन्होंने घटना को अंजाम दिया।” उन्होंने कहा, “अगर एक्सीडेंट नहीं होता तो हो सकता था कि बाइक सवार कुछ गलत भी कर देते।..और भी कुछ कर सकते थे। क्या ऐसा होता नहीं है? क्या हो नहीं रहा है?”

यह पूछे जाने पर कि क्या कोर्ट का रुख करेंगे? सीबीआई जांच की मांग करेंगे, सुदीक्षा के परिजनों ने कहा, “जो भी जरूरत पड़ेगी हम वो करेंगे, आंदोलन करना हुआ तो हम वो भी करेंगे, हमें अपनी जान भी देनी पड़ी तो हम उसे भी देंगे। लेकिन हम लड़ेंगे हटेंगे नहीं, जो हमारी जिंदगी का सहारा था, जो हमारा जीने का सहारा था वो तो खत्म हो गया।”

इस मामले में एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने आईएएनएस से कहा, “जिले में करीब 1300 बुलेट हैं, आसपास के क्षेत्र की जितनी भी बुलेट मोटरसाइकिलें हैं, उन सभी को थाने में लाया गया है। बुलेट सवार आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी। इसके साथ ही सभी लोगों की सीडीआर निकलवाई जा रही है, ताकि जो बाइक घटनास्थल के समय वहां से गुजरी है, उसके जरिए आरोपियों का पता लगाया जा सके।”

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