नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। अब पार्टी का पुनर्गठन किया जाएगा जिसके लिए नई मेंबरशिप तैयार की जाएगी। सुखबीर बादल ने 16 नवम्बर 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। शिअद की कार्यसमिति की बैठक के बाद आज सुखबीर के इस्तीफे को मंजूर किए जाने का ऐलान किया गया। अब 20 जनवरी से 20 फरवरी तक शिअद का सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इसमें 25 लाख नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद एक मार्च को शिअद अध्यक्ष पद का चुनाव होगा।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>VIDEO | Shiromani Akali Dal leader Sukhbir Singh Badal (<a href=”https://twitter.com/officeofssbadal?ref_src=twsrc%5Etfw”>@officeofssbadal</a>) speaks on party working committee's decision to accept his resignation as party chief.<br><br>(Full video available on PTI Videos – <a href=”https://t.co/n147TvqRQz”>https://t.co/n147TvqRQz</a>) <a href=”https://t.co/uJmWnOXIAS”>pic.twitter.com/uJmWnOXIAS</a></p>— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1877713610597650678?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 10, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
सुखबीर बादल ने अपना इस्तीफा स्वीकार होने के बाद अपने नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करने और अपने कार्यकाल के दौरान समर्थन और सहयोग देने के लिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। आपको बता दें कि पिछले महीने दिसंबर में सुखबीर सिंह बादल और उनकी सरकार में शामिल रहे कैबिनेट के कुछ सदस्यों को धार्मिक सजा दी गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने सुखबीर बादल को गुरुद्वारे में वॉशरूम साफ करने, जूठे बर्तन धोने समेत अन्य सजा सुनाई थी।
दरअसल सुखबीर बादल को यह सजा इस आरोप में सुनाई गई थी कि उन्होंने शिरोमणि अकाली सरकार के दौरान जत्थेदार साहिबों को अपने आवास पर बुलाया और गुरमीत राम रहीम से जुड़े एक मामले में उनको माफी देने के लिए दबाव डाला। अकाल तख्त ने उससे पहले सुखबीर बादल को ‘तनखैया’ घोषित कर दिया था। धार्मिक काम में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को ‘तनखैया’ कहा जाता है। इसके बाद जब सुखबीर बादल गुरुद्वारे में जत्थेदार की सेवा में लगे थे तभी नारायण सिंह चौड़ा नाम के एक शख्स ने उन पर फायर कर दिया था। हालांकि इस हमले में सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए थे।