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Heli Crash: सीडीएस जनरल रावत के रूट की हुई थी जांच? दो अलग जानकारियों से उठ रहे सवाल

सुलूर/वेलिंगटन। सीडीएस जनरल बिपिन रावत हाई प्रोफाइल सैन्य अफसर थे। वो भारतीय सेना की तीनों विंग्स के सबसे बड़े अफसर थे। ऐसे में उनके प्रोटोकॉल के तहत रूट की रेकी भी शामिल थी। क्या हादसे वाले दिन यानी बुधवार को उनके एयर रूट की रेकी यानी जांच हुई थी ? इस सवाल ने और सवाल खड़े कर दिए हैं। वजह है दो अलग-अलग जानकारी। सुलूर एयरबेस का कहना है कि उसने जनरल रावत की उड़ान से पहले दो छोटे हेलीकॉप्टर उसी रूट पर भेजकर मौसम की जांच कराई थी, लेकिन वेलिंगटन के स्टाफ कॉलेज (जहां जनरल रावत को पहुंचना था) ने इससे इनकार किया है कि उस दिन कोई हेलीकॉप्टर वहां पहुंचा था। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि रूट की जांच का दावा सच है या नहीं।

जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका के अलावा हादसे का शिकार हुए हेलीकॉप्टर में 12 और लोग सवार थे। इस हेलीकॉप्टर ने सुलूर एयरबेस से सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर उड़ान भरी थी। इसे सवा 12 बजे वेलिंगटन में उतरना था, लेकिन 12 बजकर 8 मिनट पर चाय बागानों के बीच हेलीकॉप्टर एक जंगल में जा गिरा। इसका एक स्थानीय नागरिक ने वीडियो भी बनाया है। जिसमें घनी धुंध देखी जा सकती है। ऐसे में सुलूर एयरबेस के उस दावे पर सवाल उठ रहे हैं कि उसने जनरल रावत के एयर रूट के मौसम की जांच कराई थी।

वेलिंगटन के एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर मीडिया से कहा कि रूट की जांच के लिए दो छोटे हेलीकॉप्टर पहले भेजे जाने की बात कही गई है। ये हेलीकॉप्टर स्टाफ कॉलेज तक नहीं पहुंचे। ये नहीं पता कि वे वापस सुलूर लौट गए थे या वहां से उड़े ही नहीं। बहरहाल, जांच चल रही है और इसमें हर बात के सबूतों की तलाश होगी। ऐसे में जांच से ये भी पता चल जाएगा कि सुलूर एयरबेस से रेकी कराई गई या नहीं, क्योंकि हर एयरक्राफ्ट के साथ एक लॉग बुक होती है। इस लॉग बुक में पायलट दर्ज करता है कि उसने किस तारीख को कितने बजे उड़ान भरी। लॉग बुक में ये जानकारी भी दर्ज की जाती है कि उड़ान कहां से कहां तक हुई और क्या बीच रास्ते से ही विमान को वापस लाया गया।

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