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Suryayaan: चांद के बाद अब सूरज का नंबर, इस दिन होगी सूर्ययान की लॉन्चिंग

Suryayaan: आदित्य एल वन मिशन को सतीश धवन स्पेस सेंटर में रखा गया है। यहां पर अब इसे रॉकेट में लगाया जाएगा। कई आदित्य एल-1 को सूर्ययान भी बुला रहे हैं। इस मिशन से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण पेलोड विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ (VELC) है। इस पेलोड को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है।

नई दिल्ली। इसरो के वैज्ञानिकों ने जिस तरह के चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराकर कीर्तिमान स्थापित किया है, उसे लकर भारत की देश-दुनिया में वाहवाही हो रही है। ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करने साउथ अफ्रीका जोहान्सबर्ग पहुंचे पीएम मोदी को भी भारतीय वैज्ञानिकों को इस खास उपलब्धि को लेकर बधाई दी। जिस पर पीएम मोदी ने अपना आभार व्यक्त किया। वहीं, अब खबर है कि चंद्रमा पर कीर्तिमान स्थापित करने के बाद अब इसरो के वैज्ञानिक सूरज मिशन की ओर अग्रसर हो चुके हैं।

दरअसल, चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद आदित्य-एल 1 की लॉन्चिंग आगाम 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी। बता दें, इस बात की जानकारी किसी और ने नहीं, बल्कि इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश एम देसाई ने कहा कि ये स्पेसक्रॉफ्ट तैयार है। अब हम जल्द ही लॉन्च करेंगे। नीलेश ने आगे कहा कि हमारा यह मिशन 15 लाख किलोमीटर की यात्रा 127 दिनों में पूरी करेगा। इसे येलो ऑर्बिट में तैनात किया जाएगा। जहां एल 1 प्वाइंट होता है। यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच स्थित होता है, लेकिन सूरज से धरती के बीच दूरी 1 फीसद है। इस मिशन को PSLV मिशन से लॉन्च किया जाएगा।

बता दें कि आदित्य एल वन मिशन को सतीश धवन स्पेस सेंटर में रखा गया है। यहां पर अब इसे रॉकेट में लगाया जाएगा। कई आदित्य एल-1 को सूर्ययान भी बुला रहे हैं। इस मिशन से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण पेलोड विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ (VELC) है। इस पेलोड को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है। दरअसल, आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एल1 ऑर्बिट में रखा जाएगा। वहीं, चंद्रयान -3 की सफल लॉन्चिंग के बाद सूर्ययान को लेकर इसरो के वैज्ञानिकों में उत्साह है। अब ऐसे में सूर्ययान की आगे की राह कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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