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West Bengal Election: BJP के मंच से ये क्या बोल गए TMC के बागी नेता, ‘उठक-बैठक’ कर कहा- ‘टीएमसी में जाकर पापी बना, माफी मांगता हूं’

Sushanta Paul TMC TO BJP

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनावी पारा चरम पर है। राजनीतिक दलों में एक तरफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है वहीं दूसरी तरफ नेताओं का पाला बदलने का क्रम भी जारी है। राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी की नाव की सवारी छोड़कर कई नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। वहीं कई भाजपा समर्थक भी टीएमसी का दामन थामने में सफल रहे हैं। हालांकि यहां का चुनाव अभी तक भाजपा बनाम टीएमसी ही नजर आ रहा है। लेकिन कांग्रेस-वाम दल और ISF गठबंधन भी राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए ताल ठोंक रही है। इस सब के बीच सियासी मंचों से कई बार ऐसा कुछ हो रहा है जो सुर्खियां बन जा रही हैं। कभी रैली या रोड शो में हमला तो कभी मंच से ममता बनर्जी का अजीबोंगरीब संवाद खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

लेकिन इस बार जो हुआ है वह किया तो टीएमसी के नेता ने ही है लेकिन वह पार्टी से बागी होकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भाजपा का दामन थामते ही नेता जी को टीएमसी में जाना पाप लगा और उन्होंने मंच से कान पकड़कर और उठक-बैठक लगाकर माफी मांग ली।

आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक स्तर के नेता सुशंता पाल ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा और वह मंच पर सुवेंदु अधिकारी के साथ मौजूद थे। इसी क्रम में कुछ ऐसा हुआ की उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि चुनावी मंच पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी की मौजूदगी में टीएमसी नेता सुशंता पाल कान पकड़कर ‘उठक-बैठक’ लगा रहे हैं और कहते है कि ‘टीएमसी का सदस्य होने से उनके ऊपर जो पाप चढ़ा है उससे उठक-बैठक लगाकर वह मुक्त होना चाहते हैं।’

इस कार्यक्रम में सुशंता पाल दावा करते हैं कि वह पहले भाजपा के नेता थे लेकिन राज्य से वाम दलों का अत्याचार खत्म करने के लिए वह टीएमसी में शामिल हो गए थे। सुशंता पाल ने 2005 में टीएमसी का दामन थामा था। उन्होंने इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘अब मैं खुद को दंडित करते हुए अपने पापों के लिए मैं आप से क्षमा मांगता हूं।’ इसके बाद पाल अपने दोनों कान पकड़कर ‘उठक-बैठक’ लगाने लगे जिसे देखकर मंच पर मौजूद लोगों की हंसी छूट गई।


पश्चिम बंगाल में 294 सीटों के लिए लिए होनेवाला विधानसभा चुनाव आठ चरणों में संपन्न होना है। वहीं भाजपा को मजबूत बनाने के लिए पार्टी ने रणनीति भी तैयार कर ली है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगभग 29 रैलियां होनी है। उनकी पहली चुनावी रैली 7 मार्च को कोलकाता में होगी।


इधर सुवेंदु अधिकारी और ममता के बीच इस चुनाव के दौरान जुबानी जंग तेज है। सुवेंदु ममता को नंदीग्राम से हराने का दावा कर चुके हैं तो वहीं ममता ने भी सुवेंदु के खिलाफ नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सुवेंदु इसी सीट से टीएमसी के टिकट पर दो बार से भारी मतों से विजयी होते रहे हैं। इलाके में उनकी पकड़ मजबूत है।

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