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Swami Prasad Maurya: ‘सनातन सत्य है …’, स्वामी प्रसाद के बयान से हलचल तेज, सोशल मीडिया पर आई ऐसी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली। कभी सनातन तो कभी ब्राह्मण तो कभी रामचरितमानस के संदर्भ में विवादित टिप्पणी करने वाले सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से सनातन धर्म को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। लेकिन, इस बार उनके सुर कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग हैरानी जता रहे हैं। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि इस बार स्वामी ने सनातन धर्म पर क्या कुछ कहा है?

दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन धर्म को लेकर किए गए अपने ट्वीट में कहा कि, ‘सनातन एक ऐसा व्यावहारिक सत्य है, जो प्रत्येक देश-काल, परिस्थिति में अपने गुणों व कार्यों से जीवनन्तता बनाये रखता है। सनातन सत्य है, शास्वत् है, व्यावहारिक है, वैज्ञानिक है जैसे सूर्य हमें प्रकाश देता है, लाखो साल पहले भी देता था और आगे भी देता रहेगा। पृथ्वी, वायु, जल, नभ ये सभी हमें जीवन देतें हैं, ये पहले भी देतें रहे हैं और आगे भी देतें रहेंगे, यही सनातन है। प्रत्येक बच्चा माँ की पेट से पैदा होता है, यह सनातन है। मानवता का सम्मान, समता का व्यवहार, सबको न्याय ही सनातन है। न हि वेरेन वेरानि, सम्मन्तीध कु दाचनं। अवेरेन च सम्मन्ति, एस धम्मो सनन्तनो।। (धम्मपद, बुद्धोपदेश) सनातन, सनातन था, है और आगे भी रहेगा। जाति-पांति, छुआछूत, ऊंच-नीच, भेदभाव, विषमता, ढोंग-ढकोसला, कुरीतियाँ तथा मुँह से ब्राह्मण, बाहु से क्षत्रिय, जंघे से वैश्य, पैर से शूद्र की उत्पत्ति बताना, सनातन नहीं अपितु मानवता के लिए अभिशाप व कैंसर से भी ज्यादा ख़तरनाक बीमारी है।

वहीं, उनके इस ट्वीट पर लोग सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। आइए , आगे कि रिपोर्ट में हम आपको विस्तार से बताते हैं कि इस पूरे मुद्दे पर लोगों का क्या कुछ कहना है।

बता दें कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमामस पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इतना ही नहीं, लखनऊ स्थित मंदिर में उनके प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। इसके अलावा इस संदर्भ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी विपक्षी दलों ने जवाब तलब किया था, लेकिन आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने उन्हें महासचिव का पद से विभूषित कर उनके बयान पर मौन सहमति जता दी थी।

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