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Barkatullah University: “मंदिर जाने के लिए पहले लो परमिशन”, भोपाल की बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी के अजीबोगरीब फरमान पर भारी बवाल, छात्रों ने कैंपस में किया कीर्तन

Barkatullah University: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस विवाद को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ABVP के छात्रों ने विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित होकर रामधुन का आयोजन किया और प्रशासन से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की अपील की। ABVP अध्यक्ष दिवाकर शुक्ला ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि छात्राओं को धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकना निंदनीय है, और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।

नई दिल्ली। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में छात्राओं द्वारा सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने पर रोक लगाने को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। छात्राओं का आरोप है कि चीफ वार्डन आयशा रईस के आदेश पर उन्हें सुंदरकांड का पाठ करने और मंदिर जाने से रोका गया। इसके साथ ही, छात्राओं से माफीनामा लिखवाने की बात भी कही गई, जिससे विश्वविद्यालय में हलचल मच गई है। इस मुद्दे पर छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है।

छात्राओं ने लगाए माफीनामा लिखवाने के आरोप

विश्वविद्यालय में हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का कहना है कि चीफ वार्डन ने उन्हें मंदिर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया और इसके लिए माफीनामा लिखने को कहा। इस मामले के बाद छात्राओं में नाराजगी है, जो इस फैसले को अपने धार्मिक स्वतंत्रता का हनन मान रही हैं।

चीफ वार्डन आयशा रईस का बयान

इस विवाद के बीच चीफ वार्डन आयशा रईस का बयान भी सामने आया है। इंडिया टीवी से बातचीत में आयशा रईस ने कहा, “यह मजहबी मुद्दा नहीं है, बल्कि अनुशासन का मामला है। वाइस चांसलर ने इस पर एक कमेटी गठित कर दी है, जो पूरी तरह से जांच करेगी। छात्राओं को उनके माता-पिता की तरह प्यार और सुरक्षा दी जाती है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।”

ABVP का विरोध प्रदर्शन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस विवाद को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ABVP के छात्रों ने विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित होकर रामधुन का आयोजन किया और प्रशासन से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की अपील की। ABVP अध्यक्ष दिवाकर शुक्ला ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि छात्राओं को धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकना निंदनीय है, और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।

हिंदू संगठनों ने जताई नाराजगी

इस मुद्दे पर हिंदू संगठनों में भी नाराजगी देखी जा रही है। संगठन के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि अगर छात्राओं को धार्मिक गतिविधियों से रोकने के मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। संगठन के नेताओं का कहना है कि, “हमारे देश में सुंदरकांड और धार्मिक आयोजनों पर किसी भी प्रकार की रोक सहन नहीं की जाएगी।”


जांच कमेटी करेगी निष्पक्ष जांच

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए एक जांच कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी मामले की पूरी तरह से तहकीकात करेगी और जल्द ही इस विवाद पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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