News Room Post

Air India: टाटा एयरलाइंस कैसे बनी थी एयर इंडिया?, जेआरडी टाटा की ये फोटो देखकर भावुक हो जाएंगे रतन टाटा

JRD Tata

नई दिल्ली। सरकारी कंपनी एयर इंडिया को खरीदने के लिए 15 सितंबर को बोली लगाने का आखिरी दिन था।  शुक्रवार को खबर सामने आई कि एयर इंडिया को खरीदने की बोली टाटा सन्स से जीत ली है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन अगर टाटा सन्स एयर इंडिया को खरीद लेती है तो ये रतन टाटा के लिए एक भावुक पल हो सकता है। करीब 68 साल बाद वापस एयर इंडिया का मालिकाना हक़ टाटा सन्स के पास आ जाएगा। आपको बता दें कि एयर इंडिया की नींव जेआरडी टाटा ने रखी थी जो रतन टाटा के पिता थे। आइये हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताते हैं कि कैसे जेआरडी द्वारा शुरू की गयी टाटा एयरलाइन्स, एयर इंडिया बनी और कैसे इसका मालिकाना हक़ सरकार के पास आया और अब इसका मालिकाना हक़ वापस टाटा ग्रुप को मिलने की खबर है।

कैसे हुई थी टाटा एयरलाइंस की शुरुआत?

रतन टाटा की कंपनी अगर एयर इंडिया को खरीदने में कामयाब हो जाती है तो रतन टाटा के लिए ये भावुक पल हो सकता है क्योंकि एयर इंडिया की नींव रखने वाले कोई और नही बल्कि रतन टाटा के पिता जेआरडी टाटा हैं। जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। इसके बाद पहली बार 15 अक्टूबर 1932 में इसने पहली बार उड़ान भरी। पहली फ्लाइट कराची से बॉम्बे की थी, जो आगे चेन्नई तक गई। बाद में टाटा एयरलाइंस का विस्तार दिल्ली, बेल्लारी और मद्रास तक किया गया लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1946 में टाटा एयरलाइंस को लिमिटेड कंपनी में बदला गया। कंपनी को नया नाम मिला एयर इंडिया लिमिटेड। इसी के दो साल बाद यानी 1948 में टाटा ने एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड नाम से एक और कंपनी बनाई और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवायें भी शुरू की।

टाटा एयरलाइंस कैसे बन गयी एयर इंडिया?

करीब पांच साल बाद यानी 1953 में भारत सरकार ने सभी भारतीय एयरलाइन्स का राष्ट्रीयकरण कर दिया। जिसके बाद इंडियन एयरलाइंस कॉर्पोरेशन एयर-इंडिया इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन का गठन किया गया। 1962 में एयर इंडिया इंटरनेशनल का नाम बदलकर एयर इंडिया कर दिया। साल 2007 सरकार ने इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया के साथ विलय कर दिया। तो इस तरह टाटा एयरलाइंस बन गयी एयर इंडिया! जानकारी के मुताबिक, टाटा सन्स को एक बार फिर से अपने पिता की बनायी गयी कंपनी टाटा एयरलाइंस का मालिकाना हक़ वापस मिल सकता है। हालांकि एयर इंडिया को जो भी कंपनी खरीदेगी, वो कंपनी एयरइंडिया का नाम नही बदल सकती है। इसका मतलब ये हुआ है कि अगर रतन टाटा की कंपनी एयर इंडिया को खरीद भी लेती तो वे फिर इसे टाटा एयरलाइंस नही बना पाएंगे!

जेआरडी टाटा की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल 

एयर इंडिया को टाटा सन्स द्वारा सबसे ज्यादा बोली लगाकर खरीदने की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर जेआरडी टाटा की पुरानी तस्वीरें शेयर की जा रही है। कुछ लोगों ने ये तक भी कहा कि ये पल रतन टाटा को भावुक कर देने वाला हो सकता है, क्योंकि टाटा एयरलाइंस जेआरडी टाटा के दिल के बेहद करीब थी। ऐसे में जब ये खबर सामने आई कि टाटा सन्स ने एयर इंडिया की बोली सबसे ज्यादा लगाकार मालिकाना अपने पास ले लिया है तो सोशल मीडिया पर लोग रतन टाटा को कुछ इस तरह बधाई देने लगे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये एशिया की पहली ऐसी एयरलाइन है जिसमें सबसे पहले अपने बेड़े में जेट एयरक्राफ्ट को जोड़ा था। जब चीन जैसे महाशक्ति वाले देश समेत एशिया के शक्तिशाली देशों के पास आधुनिक विमान नही थे तब भारत के पास अच्छे एयरक्राफ्ट थे। इसका श्रेय भी जेआरडी टाटा को जाता है।

Exit mobile version