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Omicron: Tata ने विकसित की एक ऐसी किट, अब पल भर में ही लगेगा कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट का पता

नई दिल्ली। साए की तरह हमारे साथ चलने की कसम खा चुके कोरोना की जिद्द तो देखिए कि वो अब हमसे अलहदा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पाबंदियों से लेकर एहतियात तक अपना लिया लेकिन कंबख्त कोरोना की हठ पर कायम है। पहले कमोबेश इनसे कुछ नरमी दिखाई थी तो लगने लगा था कि आहिस्ता-आहिस्ता ही सही, लेकिन सब कुछ गुजरते वक्त के साथ दुरूस्त हो जाएगा, मगर ओमीक्रॉन की खौफनाक आहट ने हमारे जेहन में पल रहे मुगलातों को पल भर में ही धराशायी कर हमें इस बात का एहसास दिला दिया है कि नहीं हालात अब दुरूस्त नहीं हुए हैं। अभी कोरोना से जंग हमारी बाकी है, लेकिन जंग महज कोरोना से ही होती तो बात कुछ और ही थी, लेकिन कोरोना का साथ निभाने के लिए आया उसका नया वैरिएंट ओमीक्रॉन ने लोगों के हाल बेहाल कर दिए हैं।

दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में इस वैरिएंट की जद में आने वालों लोगों की तादाद में जिस तरह से इजाफा दर्ज किया जा रहा है, उसे लेकर सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही है। लेकिन इस बीच यहां सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना की जद में आने वाले लोगों में से कितने ऐसे हैं, जिन्हें ओमीक्रॉन ने भी अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में चिकित्सकों के लिए यह काफी चुनौतिपूर्ण कृत्य हो चुका है कि वो किस चीज का पता लगाया। वो इस बात का पता लगानमे में मशगूल हो कि कितने लोगों को कोरोना के कहर का शिकार होना पड़ रहा है या इस बात को पता लगाने में कितने लोगों को ओमीक्रॉन ने अपनी जद में लिया है। चिकित्सकों के सामने आ रही इसी समस्या को सरल करने के लिए टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स ने एक ऐसी किट लॉन्च की है, जिससे पल भर में ही किसी यह पता लगाया जा सकेगा कि किस व्यक्ति को ओमीक्रॉन ने अपनी जद में ले लिया है।

बता दें कि बीते  30 दिसंबर को आईसीएमआर ने मंजूरी दे दी थी। टाटा द्वारा निर्मित किए दए इस किट का नाम ओमीश्योर बताया जा रहा है। वर्तमान में कोरोना के वैरिएंट का पता लगाने के लिए अमेरिका द्वारा निर्मित किए गए किट का उपयोग किया जा रहा है। यह  किट कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी काफी प्रचलन में थी। ‘एस’ जीन, ओआरएफ, ‘एन’ जीन, आरडीआरपी, ‘ई’ जीन आदि वायरल जीन हैं जिन्हें कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए लक्षित किया जाता है. ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले में, थर्मो फिशर (Thermo Fisher) के टाक पाथ (Taq Path) आरटी-पीसीआर टेस्ट में जीन में उत्परिवर्तन के कारण ‘एस’ जीन का पता नहीं चलता है, जबकि अन्य जीन लक्ष्य जैसे ओआरएफ जीन और एन जीन का पता लगाया जाता है। बता दें कि इस किट को ऐसे वक्त में लॉन्च किया गया है, जब पिछले कुछ दिनों से ओमीक्रॉन के मामलों में तेजी से इजाफे दर्ज किए जा रहे हैं। अब ऐसे में आगे चलकर ओमीक्रॉन से पैदा हुई स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

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