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Terror Trouble: भारत पर मंडरा रहा है ISIS के आतंकी हमलों का खतरा, सीमा पर चौकस सुरक्षा

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान और आईएसआईएस के खोरासान मॉड्यूल के बीच जारी टकराव ने काबुल एयरपोर्ट पर 109 लोगों की जान फिदायीन हमले में ली। इनमें 13 अमेरिकी सैनिक भी हैं। इस हमले के बाद अब भारत पर आईएसआईएस के आतंकी हमले का खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के संबंध अल-कायदा से होने की बात पहले ही सामने आ चुकी है। आईएसआईएस का खोरासान मॉड्यूल भी अल-कायदा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में मोदी सरकार ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए सीमा और एलओसी पर सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस करने का काम शुरू कर दिया है। सेना और बीएसएफ के जवानों को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए जम्मू एयरबेस पर हुए हमले और पंजाब में हथियारों की सप्लाई से भी सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के माथे पर बल पड़ गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काबुल में फिदायीन हमलों के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं। आशंका है कि आईएसआईएस कश्मीर समेत भारत के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचकर आतंकी गतिविधियां कर सकता है। बता दें कि आईएसआईएस का खुरासान मॉड्यूल कट्टर इस्लामी शासन का पक्षधर है। यह संगठन तालिबान और अल-कायदा से भी ज्यादा खतरनाक है। इसका इरादा युवाओं को अपने संगठन से जोड़कर आतंकी हमले की है।

खतरा इसका ज्यादा है कि अगर यह मॉड्यूल साजिश रचता है, तो भारत में कट्टरपंथी या आतंकी संगठन फिर सिर उठा सकते हैं। उधर, खबर है कि देश में कई हमलों का जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में आतंकी पहुंचा रहा है। जबकि, लश्कर-ए-तैयबा कुनार प्रांत में अपनी पैठ बना रहा है। खोरासान मॉड्यूल का संबंध हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी है। इसमें पाकिस्तानी और उज्बेकिस्तान के आतंकी शामिल हैं। काबुल पर हमला करने वाले फिदायीन में से एक की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर भी हुई है।

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