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अब भारत से और खौफ खाएगा चीन, सेनाओं को मिली 500 करोड़ के हथियारों की खरीद को मंजूरी

नई दिल्ली। भारत सरकार ने चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव के बीच तीनों सेनाओं को 500 करोड़ रुपए तक के घातक गोला-बारूद और हथियार की खरीद की मंजूरी दे दी है। ताकि गंभीर मुठभेड़ के दौरान उसका इस्तेमाल किया जा सके। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को खतरनाक अस्‍त्र शस्‍त्रों की तात्‍कालिक और आपात खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां दी हैं।

भारत सरकार ने तीनो सेनाओं को ये ताकत पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ और LAC में चीनी सैनिकों की भारी संख्या में तैनाती के मद्देनजर दी है। बता दें कि सेनाओं को ऐसी ही वित्तीय ताकत उरी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी दी थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद खुद को तैयार रखने के लिए दी गई इजाजत के बाद सबसे ज्यादा फायदा वायु सेना को हुआ।

परमाणु हथियारों के जखीरे में बढ़ी भारत की ताकत

अभी हाल ही में स्वीडन के थिंक टैंक सिपरी की रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि भारत अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को भी बढ़ा रहा है। भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में पिछले साल 10 और हथियार जुड़े हैं और साल 2020 की शुरुआत में भारत के पास 150 परमाणु हथियार थे। सालभर पहले यानी 2019 की शुरुआत में यह संख्या 130 से 140 तक बताई गई थी। हालांकि भारत अभी भी इस मामले में चीन से पीछे है।

सरकार ने दी सेनाओं को खुली छूट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस बिपिन रावत, सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह के साथ बैठक की। जिसमें एलएसी पर चीनी सेनाओं की कारगुजारियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने सेनाओं को चीनी सेनाओं से निपटने के लिए खुली छूट दे दी है। रक्षा मंत्री ने सेना को चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है।

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