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Khan Sir Coaching Center: देशभर में कोचिंग सेंटरों की स्थिति बदहाल, पटना में खान सर के फेमस सेंटर की जांच में भी मिली बड़ी खामियां

Khan Sir Coaching Center: खान सर के कोचिंग सेंटर पहुंचने पर, जांच टीम ने वहां की बुनियादी संरचना और सुविधाओं की जांच की। टीम को पता चला कि सेंटर में 600 से अधिक छात्र अध्ययन करते हैं, लेकिन कक्षाओं की स्थिति बेहद खराब है। छत टिन का बना हुआ है, दीवारें बिना प्लास्टर की हैं, और थर्मोकोल से ढकी हुई हैं, जिससे अंदर भीषण गर्मी होती है।

नई दिल्ली। दिल्ली के राजिन्दर नगर में हुई मौतों के बाद कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा और व्यवस्था पर देशभर में जांच शुरू हो गई है। इसी क्रम में, बिहार सरकार ने पटना के कोचिंग संस्थानों की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। आज, इस टीम ने पटना में विभिन्न कोचिंग सेंटरों का दौरा किया, जिसमें प्रसिद्ध शिक्षाविद् खान सर के कोचिंग सेंटर पर विशेष ध्यान दिया गया। जांच टीम का नेतृत्व अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) श्रीकांत खांडेकर कर रहे हैं। टीम ने मुसल्लहपुर, नया टोला और भिखना पहाड़ी जैसे इलाकों में स्थित कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया।

खान सर के कोचिंग सेंटर पहुंचने पर, जांच टीम ने वहां की बुनियादी संरचना और सुविधाओं की जांच की। टीम को पता चला कि सेंटर में 600 से अधिक छात्र अध्ययन करते हैं, लेकिन कक्षाओं की स्थिति बेहद खराब है। छत टिन का बना हुआ है, दीवारें बिना प्लास्टर की हैं, और थर्मोकोल से ढकी हुई हैं, जिससे अंदर भीषण गर्मी होती है। जांच टीम के पहुंचने पर छात्रों को छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन टीम ने पाया कि शिक्षण के लिए फैन और आधुनिक कूलर की व्यवस्था की गई है। एक अन्य कोचिंग सेंटर में भी सुरक्षा और सुविधा की कमी पाई गई। कक्षाओं में छात्रों की संख्या क्षमता से अधिक थी, जिससे वहां बैठने की जगह तक नहीं बची थी। छात्रों ने बताया कि वे मजबूरी में पैर पर लिखते हैं, क्योंकि डेस्क की व्यवस्था नहीं है।

पटना के डीएम ने आज सुबह ही एक जांच टीम का गठन किया था, जिसमें अनुमंडल स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई। जांच का मुख्य उद्देश्य कोचिंग संस्थानों के निबंधन, बिल्डिंग बायलाज, आपातकालीन गेट, प्रवेश और निकास द्वार की स्थिति और आकस्मिक स्थिति से निपटने की तैयारी की जांच करना है। इस जांच के आधार पर संबंधित अधिकारियों द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो भविष्य में कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा और सुविधाओं में सुधार के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

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