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भारी पड़ सकता है कोरोना के नए वेरिएंट ‘Omicron’ को हल्के में लेना, इसकी खोज करने वाले डॉक्टर ने किया बड़ा खुलासा  

corona virus

नई दिल्ली। जब कोरोना वायरस इस धरती पर अवतरित हुआ था तब लगा था कि शायद कुछ दिनों के कहर के बाद ये भी अन्य बीमारियों की भांति विलुप्ति के कागार पर पहुंच जाएगा या नहीं तो इसका ऐसा कोई तोड़ तलाश ही लिया जाएगा। जिसके परिणामस्वरूप लोग राहत की सांस लेंगे। लेकिन अफसोस ऐसा हुआ नहीं। तकरीबन 2 सालों से लोग कोरोना के खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। बेशक, अब कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार हो चुकी है और भारत में कोरोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। लेकिन, आए दिन आते नए वैरिएंट लोगों को खौफजदा करते हुए नजर आ रहे हैं। अभी हाल ही में आया कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। चिकित्सकों के मुताबिक, यह कोरोना के अन्य वैरिएंट की तुलना में अत्याधिक घातक है। अन्य किसी भी वैरिएंट की तुलना में इसमें संक्रमित करने की क्षमता बेहद ज्यादा है। डब्लूएचओ भी इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। वहीं इसकी खोज करने वाले डॉक्टर ने  कुछ राहत भरे संकेत दिए हैं। आइए, आगे आपको बताते हैं कि इस वेरिएंट की खोज करने वाले  डॉक्टर का  क्या कहना है।

इसकी खोज करने वाले डॉक्टर का क्या कहना है?

इस वेरिएंट की खोज करने वाले डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि अभी तक इस वेरिएंट से जितने भी संक्रमित पाए गए हैं, उनमे बेहद ही हल्के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे में उतना ज्यादा खौफजदा होने की जरूरत नहीं है, लेकिन दिल के मरीज व स्वास्थ्य रूप से संवेदनशील रहने वाले लोगों के लिए यह वेरिएंट घातक साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अतरिक्त जानकारी प्राप्त करने हेतु अभी हमें अधिक शोध करने की आवश्यकता है। आइए, अब आगे आपको बताते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर क्या कुछ कहा है।

WHO ने क्या कहा?

WHO ने कहा कि इस वेरिएंट के बारे में अतरिक्त जानकारी देने के लिए अभी हमारे पास कोई डेटा नहीं है। संगठन ने कहा कि ओमीक्रोन की प्रभावशीलता अभी भी शंका के घेरे में है। अभी यह अपने चपेट में लेकर लोगों को कितनी संक्रमित कर सकता है। इस पर भी अधिकृत टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा फिलहाल ओमीक्रोन को लेकर शोध का सिलसिला जारी है। इस पर विस्तृत शोध होने के बाद ही कुछ भी अंतिम तौर पर कहा जा सकेगा। बता दें कि अभी शुक्रवार को ही इसकी खोज हुई थी। दक्षिण अफ्रीका में इसके वेरिएंट पाए गए हैं। लिहाजा दक्षिण अफ्रीका से आने वाले लोगों पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।

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