नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बाकी हिस्सों में पहुंचकर दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। पूरे देश में मानसून की सामान्य तिथि 8 जुलाई थी, लेकिन मौसम की स्थिति के कारण इसमें पांच दिन की देरी हुई। आईएमडी ने कहा कि पिछले चार दिनों से निचले स्तरों में बंगाल की खाड़ी से नम पूर्वी हवाओं के निरंतर प्रसार के परिणामस्वरूप बादल छा गए और काफी व्यापक वर्षा हुई।
“दिल्ली पर मानसून की प्रगति इस प्रकार 27 जून की सामान्य तारीख के मुकाबले मंगलवार को हुई।” सफदरजंग वेधशाला केंद्र में बारिश 2.5 सेमी मापी गई। उसके बाद आयानगर (1.3 सेमी), पालम (2.4 सेमी), सीएचओ लोदी रोड (0.9 सेमी), रिज (1 सेमी) समेत पूरी दिल्ली, गुरुग्राम (5.1 सेमी), फरीदाबाद ( 2.8 सेमी), पानीपत (1 सेमी), रोहतक (2.2 सेमी), हिसार (3.3 सेमी), फतेहाबाद (3 सेमी) समेत पूरे हरियाणा, और जैसलमेर (7.7 सेमी), बीकानेर (6.8 सेमी), चुरू (9 सेमी) पूरे राजस्थान में मानसून का असर देखने को मिला।
the southwest monsoon has further advanced into remaining parts of the country including Delhi, remaining parts of Uttar Pradesh, Punjab, Haryana and Rajasthan. Thus, the southwest monsoon covered entire country on 13th July, against the normal date of 08th July.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) July 13, 2021
लंबे समय से विलंबित मानसून आखिरकार मंगलवार को तड़के आ गया, जिससे दिल्ली-एनसीआर में नागरिकों को काफी राहत मिली। राष्ट्रीय राजधानी के साथ-साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद सहित आसपास के शहरों में भी बारिश हुई। पिछले 15 दिनों में आईएमडी की कई भविष्यवाणियां गलत होने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून दिल्ली-एनसीआर में पहुंचा।
मानसून देश के लगभग सभी हिस्सों में पहुंच गया था, लेकिन दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और पश्चिमी राजस्थान से दूर रहा। मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एजेंसी ने भविष्यवाणी की थी कि मानसून के जून तक इन हिस्सों को कवर करने की उम्मीद है – एक महीने से थोड़ा कम लेकिन ऐसा नहीं हुआ।