नई दिल्ली। भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि, ईडी की ओर से उनकी 10 से 15 दिनों की हिरासत की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने महज एक दिन की हिरासत पर ही मुहर लगाई। बता दें कि बीते बुधवार को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सोरेन को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
#WATCH | Former Jharkhand CM and JMM executive president Hemant Soren leaves from PMLA Court in Ranchi.
Hemant Soren has been sent to judicial custody for one day. pic.twitter.com/jMz4yAveLm
— ANI (@ANI) February 1, 2024
हालांकि, 40 घंटे तक लापता रहने के बाद रांची लौटने पर सीएम हेमंत ने विधायकों संग बैठक की थी, जिसमें आगे का रास्ता तैयार कर लिया गया था। दरअसल, विधायक दल की बैठक में दो चेहरों को आगे किया गया था, जिसमें पहला कल्पना सोरेन और दूसरा चंपई सोरेन था। बैठक में तय किया गया था कि अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है, तो दोनों में से किसी एक को सीएम पद की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन बाद में चंपई सोरेन के नाम पर सहमति की मुहर लगाई गई। बता दें कि उन्हें विधायक दल की बैठक में विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया, लेकिन अभी तक उन्हें राजभवन की ओर से सरकार बनाने के लिए न्योता नहीं भेजा गया, जिस पर बीजेपी का कहना है जेएमएम के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन जेएमएम का दावा है कि हमारे पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हैं, जिस पर बीजेपी सवाल कर रही है कि अगर आपके पास पर्याप्त विधायक हैं, तो अभी तक राज्यपाल ने आप लोगों को सरकार बनाने के लिए न्योता क्यों नहीं भेजा है। इस तरह झारखंड की राजनीतिक में संकट पैदा हो चुका है। राज्य में ना ही राष्ट्रपति शासन लागू है और ना ही कोई मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं। ऐसे में अब सवाल यह है कि आखिर आगे का भविष्य कैसा होगा ? उधर, बीजेपी लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग कर रही है, जिसका जेएमएम की ओर से विरोध किया जा रहा है।
वहीं, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मामला कोर्ट में पहुंच चुका है। दरअसल, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है,जिसमें कहा गया है कि केंद्र की मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षियों को दबाने की कोशिश कर रही है। अब कोर्ट इस पर कल यानी की शुक्रवार को सुनवाई करेगी। ऐसे में कोर्ट का इस पूरे मामले में क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। बता दें कि भूमि घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी ने हेमंत सोरेन को एक या दो नहीं, बल्कि 10 समन भेजे थे, लेकिन मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए, लेकिन बीते दिनों जब ईडी ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए उन्हें समन जारी किया था, तो वो पूछताछ के लिए पेश हुए। बहरहाल, अब इस पूरे मामले में आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।