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UP: पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन भी बेअसर, भाजपा ने यहां भी सपा को छोड़ा पीछे, मायावती और प्रियंका का हाल देखिए

CM Yogi Akhilesh

नई दिल्ली। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर। इन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव का नगाड़ा बज चुका है। अहम सभी राज्य हैं, लेकिन यूपी पर सबकी नजर है। वजह है योगी और मोदी। योगी पर लोगों का भरोसा और 2024 में मोदी को तीसरी बार केंद्र की सत्ता में पहुंचाने की राह में यूपी का चुनावी नतीजा बहुत मायने रखता है। एबीपी न्यूज-सी वोटर और नवभारत टाइम्स-वीटो के दो चुनाव पूर्व सर्वे सोमवार को आए। इन दोनों ही सर्वे में बीजेपी के लिए यूपी में बल्ले-बल्ले वाली स्थिति बताई गई है। जबकि, बीजेपी विरोधी सपा, बीएसपी और कांग्रेस के लिए इस बार भी अंगूर खट्टे होने की बात सामने आ रही है। सर्वे बताता है कि पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन का असर इन चुनावों में बीजेपी पर नहीं पड़ने जा रहा है।

एबीपी न्यूज और नवभारत टाइम्स के सर्वे से साफ है कि बीजेपी दोबारा यूपी में सरकार बना सकती है। हालांकि, शायद उसे पिछली बार की तरह 325 सीटें न मिल सकें। वैसे, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि बीजेपी 350 का आंकड़ा पार कर लेगी। सर्वे से ये भी पता चला है कि 2014, 2017 और 2019 में हुए चुनावों में करारा झटका खाने वाली समाजवादी पार्टी यानी सपा की हालत इस बार बेहतर हो सकती है, लेकिन सत्ता की चाबी इन सर्वे में उसके करीब नहीं पहुंचती दिखती। बीजेपी और उसके बीच करीब 9 फीसदी का अंतर है और सपा के लिए ये अंतर इतनी जल्दी पाटना इतना संभव नहीं लगता।

सर्वे का एक और नतीजा ये भी है कि दलितों का अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती से पूरी तरह मोहभंग हो गया है। सर्वे के नतीजे अगर सही निकले, तो मायावती की पार्टी को अब तक के सभी चुनावों में मिली सीटों से भी कम सीटें मिलने वाली हैं। वहीं, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का इरादा भले ही यूपी में कांग्रेस को फिर से जीवनदान दिलाने का हो, लेकिन 2017 के मुकाबले यूपी में कांग्रेस की और दुर्गति होने के आसार दोनों सर्वे में दिखाई दे रहे हैं। यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं। इनके लिए 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोटिंग होगी। 10 मार्च को ईवीएम के स्विच ऑन होते ही नतीजे सामने आ जाएंगे और तभी पता चल सकेगा कि चुनाव पूर्व किए जा रहे सर्वे में कितना दम है।

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