नई दिल्ली। मुंबई में शनिवार रात को एनसीपी (अजीत पवार गुट) के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज हत्याकांड में अब उत्तर प्रदेश का कनेक्शन सामने आया है। हत्या के बाद जिन शार्प शूटरों के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं, उनमें धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा का नाम शामिल है। दोनों शार्प शूटर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के गंडारा गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि दोनों पिछले कुछ सालों से मुंबई और पुणे में रह रहे थे, लेकिन कब और कैसे वे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आए, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
धर्मराज कश्यप की मां ने क्या कहा?
इस हत्याकांड में शामिल शूटर धर्मराज कश्यप की मां कुसुमा ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “मेरा बेटा धर्मराज बहराइच के गंडारा गांव का रहने वाला है। मुझे इस हत्याकांड के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जब पुलिस हमारे घर आई, तब मुझे यह सब पता चला।” उन्होंने आगे बताया कि उनका बेटा दो महीने से मुंबई में रह रहा था, और वह पुणे कबाड़ के कारोबार के सिलसिले में गया था। कुसुमा ने बताया, “धर्मराज मेरे पांच बेटों में सबसे छोटा है और वह इस तरह के किसी अपराध में शामिल हो सकता है, यह सुनकर मैं हैरान हूं।”
Shiva had last come home on Holi. He used to work with a scrap dealer named #Harish in #Pune, says Suman, mother of #ShivKumarGautam– an alleged shooter in the murder of #NCP leader #BabaSiddique.
Sushma, mother of #DharmarajKashyap claim her son, youngest of the 5 siblings, had… pic.twitter.com/xzxOm9vCqZ
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) October 13, 2024
शिवकुमार उर्फ शिवा की मां का बयान
वहीं, दूसरे आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा की मां सुमन ने बताया, “हमें इस घटना की जानकारी सुबह हुई और यह जानकर मैं हैरान हूं। मेरा बेटा पुणे में भंगार का काम करता था और उसका कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ।” सुमन ने अपने बेटे के इस हत्याकांड में शामिल होने की बात पर संदेह जताते हुए कहा कि शिवा ऐसा व्यक्ति नहीं था जो इस तरह की घटना को अंजाम दे सके।
गांव के प्रधान का बयान
गंडारा गांव के प्रधान पति मोहम्मद हसनैन ने बताया कि पुलिस और क्राइम ब्रांच इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा, “धर्मराज लगभग दो महीने पहले मुंबई गया था और शिवा सात-आठ महीने से पुणे में रह रहा था। गांव से इनकी फोन पर बात बहुत कम होती थी। हम यह नहीं कह सकते कि ये लोग वास्तव में दोषी हैं या किसी साजिश का शिकार हुए हैं।”